tag:blogger.com,1999:blog-6648869759906567926.post3958273194182662739..comments2023-09-11T15:23:45.673+05:30Comments on धूप छाँव: स्वतंत्रता दिवस पर उठते सवालतपन शर्मा Tapan Sharmahttp://www.blogger.com/profile/01213685350439971142noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6648869759906567926.post-25089133024900572062008-08-24T23:19:00.000+05:302008-08-24T23:19:00.000+05:30काफी नकारात्मक भावनाओं को व्यक्त करती है आपकी कव...काफी नकारात्मक भावनाओं को व्यक्त करती है आपकी कविता. ठीक है, आखिर है तो कविता. कविता का सम्बन्ध सीधे भावना स ही तो है. फिर भी, वैचारिक तल पर अगर देखें तो इसमें निराशावादिता झलकता है. एक ऐसे समाज में जहाँ पिछड़ापन और गरीबी का राज है, असमानताओं का इतना सारा जंजाल है, वहाँ लोकतंत्र का वो स्वरूप महज साठ साल में नहीं पनप सकता जो हमें इंगलैंड या अन्या पस्चिमी देशों में देखने को मिलता है. लोकतंत्र की सफलता के लिये हमें गरीबी, और अशिक्षा पर विजयी होना होगा. बात रही हिंसा और अतिवादिता का इससे पार पाने के लिये भी हमें तेज सामजिक आर्थिक विकास का सहारा लेना होगा.namitanshuhttps://www.blogger.com/profile/10718637990193382843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6648869759906567926.post-22074162268863021162008-08-18T14:22:00.000+05:302008-08-18T14:22:00.000+05:30well said!!:)well said!!:)Rickshttps://www.blogger.com/profile/00837312532397321652noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6648869759906567926.post-8805877529425641152008-08-13T23:40:00.000+05:302008-08-13T23:40:00.000+05:30बहुत सही!! बढ़िया.बहुत सही!! बढ़िया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6648869759906567926.post-60656049972238941062008-08-13T17:04:00.000+05:302008-08-13T17:04:00.000+05:30बहुत सही लिखा है भइया आपने , शायद हमारे देश के वर्...बहुत सही लिखा है भइया आपने , शायद हमारे देश के वर्तमान हालत को व्यक्त इसी तरह से किया जा सकता है. सच तो ये है की अब सचमुच अपने देश को स्वतंत्र और लोकतंत्र कहना ग़लत लगने लगा है...आज़ादी के इतने वर्षो में हमने जो कुछ पाया उससे कहीं ज्यादा हमने खो दिया है और ऐसे ही हालत रहे तो शायद आनेवाले वक्त में सिर्फ़ खोते ही रहेंगे और कुछ हासिल ना कर पाएँगे...<BR/>बहुत खूब...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16006839523215337338noreply@blogger.com