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Wednesday, October 19, 2011

क्या आप जानते हैं एक बार रक्तदान से आप कितनी जान बचा सकते हैं? Donate Blood Save Life

पिछले सप्ताह ही हमारी कम्पनी में रक्तदान शिविर लगा। सुबह से शाम तक लगे इस शिविर में 145 लोगों  ने रक्त दिया। हमारी कम्पनी में करीबन छह सौ लोग हैं। उस दृष्टि से यह आँकड़ा थोड़ा कम लगा। और वो भी तब जब कैम्पस में सैमसंग और बार्क्लेज़ जैसी कम्पनियों के हजारों लोग हैं। बहरहाल...

रक्तदान को महादान कहा गया है। इसके कईं फ़ायदे हैं। पर क्या क्या फ़ायदे हैं ये जानने की जिज्ञासा हुई। इंटेरनेट खंगाला तो कुछ फ़ायदे नज़र आये। उन्हें आपके साथ बाँट रहा हूँ। चूँकि ये इंटेरनेट से हैं इसलिये त्रुटि हो सकती हैं। हालाँकि धूप-छाँव पर डालने से पहले मैंने कुछ वेबसाईटों पर जाँच करी है इसलिये अस्सी फ़ीसदी तो सही होनी चाहियें।

ये देखा गया है कि खून में लोहे की मात्रा हृदय के रोगों को बढ़ाती है। रक्त में मिलने वाला लोहा कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीडेशन के काम आता है। और यही प्रक्रिया आर्ट्रीज़ (Arteries) के लिये हानिकारक होती है। रक्त में लोहे की मात्रा अधिक होने से कॉलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण की सम्भावनायें बढ़ जाती हैं। नियमित रक्तदान से रक्त में लोहे की मात्रा संतुलित रहती है और इसलिये हृदय रोग की संभावनायें भी कम होती हैं।

शरीर से रक्त के निकाले जाने से रक्त में RBC कम हो जाते हैं। इसी कमी को पूरा करने के लिये शरीर में अस्थि-मज्जा (Bone Marrow) द्वारा तुरंत नये RBC का निर्माण होता है। इससे रक्त साफ़ व ताज़ा रहता है

हीमोक्रोमाईटिस एक तरह की जैविक बीमारी है जिसमें शरीर के Tissue में खराब पाचन के कारण लोहा जमा होता चला जाता है। इस स्थिति में शरीर के अंग खराब हो सकते हैं। हालाँकि भारतीयों में यह विकार कम पाया जाता है। लेकिअन यदि इंग्लैंड जैसे देश में देखें तो आप पायेंगे कि 300-400 लोगों में से एक व्यक्ति इस बीमारी का शिकार है।

एक सामान्य व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्त दान कर सकता है। एक बार में 450 मिली तक रक्तदान किया जाता है। और ऐसा माना गया है कि इससे 650 कैलोरी इस्तेमाल होती हैं।

और सबसे बड़ा फ़ायदा यह कि इससे किसी की जान बच सकती है।

चलते चलते...
  • क्या आप जानते हैं कि आपका दिया गया रक्त तीन भागों में बँट जाता है और तीन लोगों को चढ़ाया जा सकता है। ये तीन भाग हैं Red Blood Cells, प्लेटलेट्स व प्लाज़्मा (Plasma)|
  • क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक अभी तक प्रयोगशाला में रक्त नहीं  बना सके हैं। रक्त का निर्माण पूर्णत: प्राकृतिक है और हमारे शरीर में ही हो सकता है।
  • हम में से पच्चीस फ़ीसदी लोगों को हमारे जीवन काल में एक बार रक्त की आवश्यकता पड़ती है

तो फ़िर ये हिचकिचाहट क्यों? रक्तदान कर के देखिये.. अच्छा लगता है...


जय हिन्द
वन्देमातरम


अधिक जानकारी के लिये:
http://www.mayoclinic.org/donate-blood-rst/know.html
http://sankalpindia.net/drupal/health-benefits-donating-blood
http://en.wikipedia.org/wiki/Blood_donor#Benefits

दो अन्य वेबसाईट से चुराये गये दो पोस्टर...
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