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Tuesday, September 27, 2011

भूले बिसरे गीत: एस.डी बर्मन के जन्मदिन पर समर्पित आज का यह अंक Old Hindi Movies Songs SD Burman Special

एक अक्तूबर 1906 को कोमिल्ला (अब बांग्लादेश) में एक बच्चे का जन्म हुआ जो हिन्दी फ़िल्म जगत में सचिन देव बर्मन (1 अक्टूबर 1906 - 31 अक्टूबर 1975) के नाम से जाना गया। बर्मन दा ने सौ से भी अधिक बॉलीवुड और बंगाली फ़िल्मों में अपना संगीत दिया।।

वे हिन्दी और बंगाली फ़िल्म संगीत प्रेमियों के चहेते बने रहे। एस.डी बर्मन ने लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, गीता दत्त, मन्ना डे, किशोर कुमार, हेमन्त कुमार, आशा भोंसले, शमशाद बेग़म, मुकेश व तलत महमूद सभी के साथ काम किया। 

उन्होंने बीस फ़िल्मों में स्वयं भी गाने गाये हैं। इस बार के भूले-बिसरे गीत में हैं उनके जन्मदिन पर उन्हीं के गाये हुए गीत। उनकी आवाज़ में गजब सा जादू था, कशिश थी जिसे सुनते ही हर श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाता है।

एस.डी. बर्मन उन शख़्सियतों में शामिल थे जिन्हें अवार्ड मिलते ही उस अवार्ड की महत्ता बढ़ जाती है।

1934: गोल्ड मैडल, बंगाल ऑल इंडिया म्यूज़िक कॉंफ़्रेंस, कोलकाता
1958: संगीत नाटक अकादमी
1958: एशिया फ़िल्म सोसायटी अवार्ड

राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड

  • 1970 :  पार्श्वगायक (सफ़ल होगी तेरी आराधना :  आराधना)
  • 1974: संगीत निर्देशन (ज़िन्दगी ज़िन्दगी)

1969: पद्मश्री अवार्ड

फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड:

  • 1954: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : टैक्सी ड्राईवर
  • 1973: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : अभिमान
  • 1959: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : सुजाता (नामांकित)
  • 1965: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : गाईड (नामांकित)
  • 1969: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : आराधना (नामांकित)
  • 1970: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : तलाश (नामांकित)
  • 1974: सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक : प्रेम नगर (नामांकित)


सफ़ल होगी तेरी आराधना

फ़िल्म: आराधना (1969)
संगीत: सचिन देव बर्मन
गीत: आनन्द बख़्शी




वहाँ कौन है तेरा
फ़िल्म: गाईड (1965)


मेरे साजन हैं उस पार 
फ़िल्म: बन्दिनी (1963)




।जय हिन्द।
।वन्देमातरम।

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Saturday, July 2, 2011

भूले बिसरे गीत- संगीत, कहानी, अदाकारी, गीत हर क्षेत्र में बेजोड़ थी फ़िल्म गाईड - Old Hindi Movie Songs- Guide - One Of The Best Movie Of Bollywood

आज जिस फ़िल्म की बात हम भूले-बिसरे गीत में कर रहे हैं वो है - गाईड। हिन्दी फ़िल्म जगत की एक ऐसी बेमिसाल फ़िल्म जिसमें कहानी भी है, अदाकारी भी, गीत के बोल, संगीत- सब कुछ है इस फ़िल्म में। अगर मैं कहूँ कि गाईड की गिनती हिन्दी फ़िल्म जगत की पहली पाँच फ़िल्मों में होती है तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी

छह फ़रवरी 1965 को रिलीज़ हुई गाईड जिसमें थे देव आनन्द और वहीदा रहमान, जिसे लिखा था विजय आनन्द ने और संगीत था सचिन देव बर्मन का। गाईड की कहानी आर.के.नारायण द्वारा निखित उपन्यास पर आधारित थी। इस फ़िल्म ने एक या दो नहीं बल्कि सात फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड जीते थे- सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, निर्देशन, नायक, नायिका, कहानी, सिनेमाटोग्राफ़ी और डॉयलाग।

पेश हैं इसी फ़िल्म के कुछ गीत। हिन्दी सिनेमा के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गीत।

आज फ़िर जीने की तमन्ना है
वो गीत जिसमें अंतरा मुखड़े से पहले आया!!






दिन ढल जाये..


गाता रहे मेरा दिल..




क्या से क्या हो गया.. बेवफ़ा...


पिया तोसे नैना लागे रे..








तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं




वहाँ कौन है तेरा..मुसाफ़िर जायेगा कहाँ..






गाईड जैसी फ़िल्में आज के दौर में नहीं बन सकती और विडम्बना यह कि ऐसी ही फ़िल्मों की जरूरत है।




जय हिन्द
वन्देमातरम



भूले-बिसरे गीत श्रृंख्ला आपको कैसी लगी टिप्पणी के माध्यम से अवश्य बतायें।
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