दृश्य एक
चु नावों में हार के बाद, ज़ोर का झटका ज़ोर से पड़ने के बाद लालू और पासवान ड्राइंग-रूम बात करते हुए सुने गये।
लालू जी (गाते हुए): जाने कहाँ गये वो दिन.....कहते थे मेरे राज में .....
पासवान जी: क्या गा रहे हो लालू जी? बीड़ी जलई रे और मुन्नी बदनाम के युग में ये भी कोई गाना हुआ।
लालू जी: अरे पासवान साहिब..ये युग की बात नहीं..समय की बात है। वो भी क्या दिन थे जब समोसा हमें प्यारा हुआ करता था।
जब तक रहेगा समोसा में आलू..तब तक रहेगा बिहार में लालू....
शायद उस युग में जब मेवे, मटर और नूडल्स के समोसे बाज़ार में बिक रहें हैं आलू के बिना भी समोसा तैयार हो रहा है तो बिहार ने भी लालू बिन बिहार का रास्ता चुनने का इरादा कर लिया है।
और राहुल बाबा का कोई कमेंट नहीं आया बिहार पर?
राहुल गाँधी: मेरे इरादे अभी भी मज़बूत हैं। युवा भारत युवाओं के लिये वोट देगा। मैं अपनी पार्टी के लिये काम करता रहूँगा। और मेरी पार्टी देश के लिये..
जनता: राहुल जी, आप देश के लिये कब काम करेंगे? मंत्री बन कर देश चलाइये…
राहुल बाबा कुछ ऐसा सोच रहे हैं शायद:
लोगों को ख्वाब दिखाये थे जन्नत के हमने,
लोगों ने जहन्नुम भी नसीब न कराया हमें...
दृश्य दो
उधर कर्नाटक में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे जा रहे हैं। और आँध्र में जगनमोहन ने सोनिया जी की नाकमें दम कर रखा है। सुनने में आया है कि गडकरी और मैडम दोनों ने एक मीटिंग की है। उसी की एक झलक:
नितिन गडकरी: क्या हम कुछ नहीं कर सकते?
सोनिया जी: दुनिया जानती है कि दोनों राज्यों में एक ही ग्रुप ने नाटक मचा रखा है।
गडकरी जी: रेड्डी बँधु!!!
सोनिया जी: इनके और जगनमोहन रेड्डी के सम्बन्ध बड़े ही मधुर हैं। वे ही जगन को उकसा रहे हैं और जगन अपने चैनल पर हमारे लिये भला-बुरा कह रहा है।
गडकरी जी: सिर्फ़ बुरा ही कह रहा है, भला नहीं। हा हा।
सोनिया जी: ज्यादा दाँत मत फ़ाड़िये, आपकी सरकार उन्हीं की वजह से चल रही है। कर्नाटक में उनकी कितनी चलती है ये आप भी जानते हैं।
गडकरी जी: तभी तो हम लोग चुप हैं। ऊपर से आजकल कुमारस्वामी ने भी नाक में दम कर रखा है। समझ में नहीं आता कि क्या किया जाये।
सोनिया जी: एक ही तरीका है। किसी तरह से सुप्रीमकोर्ट रेड्डी ब्रदर्स को फ़टकार लगा दे और लगाम लगाये तो साँप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी। क्या ख्याल है?
गडकरी जी: लगता है आपको सुप्रीमकोर्ट की आदत सी हो गई है। कभी कभी लगता है कि कोर्ट नहीं होता तो आपकी सरकार कैसे चलती? जगन के दबाव में रोसैया जी को हटा दिया।
मैडम सोनिया: रोसैया को हटा हमने नये "रिमोट" किरण रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया है। हमारा शुभचिन्तक है वो।
गडकरी जी: पर जब राज्य के अधिकतर विधायक राजशेखर रेड्डी के मरने के बाद जगन की वकालत कर रहे थे तब आपने उन्हें क्यों नहीं बनाया?
मैडम: आप राजनीति में कच्चे हैं तभी कुछ नहीं कर पा रहे। जगन को बनाते तो रेड्डी बँधु आँध्र में भी तहलका मचा देते। उन्होंने हमारे राज्य में भी अवैध खनन किया है लेकिन अभी सामने नहीं आ रही है ये बात।
अब हम तेलंगाना से एक डिप्टी सी.एम. लाकर लोगों को भी खुश करने वाले हैं!!
गडकरी जी: मान गये आपको। लोग यूँ ही आपको मैडम नहीं बुलाते। एक ही पार्टी के सी.एम और डिप्टी सी.एम. ।
मैडम हमें भी कुछ गुर सिखा दीजिये। मैं भी सर बनना चाहता हूँ। इतने सारे रेड्डी ऊपर से ये येद्दि....ओह....
चलते चलते विशेष:
हाल ही में नीरा राडिया, बरखा दत्त, वीर सांघवी के बातचीत के टेप सामने आकर उनका राजनैतिक पार्टियों, खासतौर से काँग्रेस सरकार से "रिश्ता" उजागर हो चुका है।
मीडिया के मन में कुछ ऐसा चल रहा है:
हमें मालूम है सारी हक़ीकत लेकिन,
आँख मूँद कर बैठने का मजा ही कुछ और है!!!
भारत में इतनी परेशानियाँ हैं और इतने विवाद हैं, कि हम सभी कहीं न कहीं उनका हिस्सा बनते हैं दुखी होते हैं। दुखी व परेशान होना उपाय नहीं है। जो भ्रष्टाचार व अन्य बुराइयाँ हम समाज व राजनीति में देखते हैं उन मुद्दों को उठाना बहुत जरूरी है। "गुस्ताखियाँ हाजिर हैं" स्तम्भ की शुरुआत इसी मिशन का एक हिस्सा है। यहाँ हँसी मजाक भी होगा और गम्भीर मुद्दे भी उठाये जायेंगे। ये आवाज़ आगे और बुलंद होगी यही उम्मीद है।
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लालू जी (गाते हुए): जाने कहाँ गये वो दिन.....कहते थे मेरे राज में .....
पासवान जी: क्या गा रहे हो लालू जी? बीड़ी जलई रे और मुन्नी बदनाम के युग में ये भी कोई गाना हुआ।
लालू जी: अरे पासवान साहिब..ये युग की बात नहीं..समय की बात है। वो भी क्या दिन थे जब समोसा हमें प्यारा हुआ करता था।
जब तक रहेगा समोसा में आलू..तब तक रहेगा बिहार में लालू....
शायद उस युग में जब मेवे, मटर और नूडल्स के समोसे बाज़ार में बिक रहें हैं आलू के बिना भी समोसा तैयार हो रहा है तो बिहार ने भी लालू बिन बिहार का रास्ता चुनने का इरादा कर लिया है।
और राहुल बाबा का कोई कमेंट नहीं आया बिहार पर?
राहुल गाँधी: मेरे इरादे अभी भी मज़बूत हैं। युवा भारत युवाओं के लिये वोट देगा। मैं अपनी पार्टी के लिये काम करता रहूँगा। और मेरी पार्टी देश के लिये..
जनता: राहुल जी, आप देश के लिये कब काम करेंगे? मंत्री बन कर देश चलाइये…
राहुल बाबा कुछ ऐसा सोच रहे हैं शायद:
लोगों को ख्वाब दिखाये थे जन्नत के हमने,
लोगों ने जहन्नुम भी नसीब न कराया हमें...
दृश्य दो
उधर कर्नाटक में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे जा रहे हैं। और आँध्र में जगनमोहन ने सोनिया जी की नाकमें दम कर रखा है। सुनने में आया है कि गडकरी और मैडम दोनों ने एक मीटिंग की है। उसी की एक झलक:
नितिन गडकरी: क्या हम कुछ नहीं कर सकते?
सोनिया जी: दुनिया जानती है कि दोनों राज्यों में एक ही ग्रुप ने नाटक मचा रखा है।
गडकरी जी: रेड्डी बँधु!!!
सोनिया जी: इनके और जगनमोहन रेड्डी के सम्बन्ध बड़े ही मधुर हैं। वे ही जगन को उकसा रहे हैं और जगन अपने चैनल पर हमारे लिये भला-बुरा कह रहा है।
गडकरी जी: सिर्फ़ बुरा ही कह रहा है, भला नहीं। हा हा।
सोनिया जी: ज्यादा दाँत मत फ़ाड़िये, आपकी सरकार उन्हीं की वजह से चल रही है। कर्नाटक में उनकी कितनी चलती है ये आप भी जानते हैं।
गडकरी जी: तभी तो हम लोग चुप हैं। ऊपर से आजकल कुमारस्वामी ने भी नाक में दम कर रखा है। समझ में नहीं आता कि क्या किया जाये।
सोनिया जी: एक ही तरीका है। किसी तरह से सुप्रीमकोर्ट रेड्डी ब्रदर्स को फ़टकार लगा दे और लगाम लगाये तो साँप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी। क्या ख्याल है?
गडकरी जी: लगता है आपको सुप्रीमकोर्ट की आदत सी हो गई है। कभी कभी लगता है कि कोर्ट नहीं होता तो आपकी सरकार कैसे चलती? जगन के दबाव में रोसैया जी को हटा दिया।
मैडम सोनिया: रोसैया को हटा हमने नये "रिमोट" किरण रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया है। हमारा शुभचिन्तक है वो।
गडकरी जी: पर जब राज्य के अधिकतर विधायक राजशेखर रेड्डी के मरने के बाद जगन की वकालत कर रहे थे तब आपने उन्हें क्यों नहीं बनाया?
मैडम: आप राजनीति में कच्चे हैं तभी कुछ नहीं कर पा रहे। जगन को बनाते तो रेड्डी बँधु आँध्र में भी तहलका मचा देते। उन्होंने हमारे राज्य में भी अवैध खनन किया है लेकिन अभी सामने नहीं आ रही है ये बात।
अब हम तेलंगाना से एक डिप्टी सी.एम. लाकर लोगों को भी खुश करने वाले हैं!!
गडकरी जी: मान गये आपको। लोग यूँ ही आपको मैडम नहीं बुलाते। एक ही पार्टी के सी.एम और डिप्टी सी.एम. ।
मैडम हमें भी कुछ गुर सिखा दीजिये। मैं भी सर बनना चाहता हूँ। इतने सारे रेड्डी ऊपर से ये येद्दि....ओह....
चलते चलते विशेष:
हाल ही में नीरा राडिया, बरखा दत्त, वीर सांघवी के बातचीत के टेप सामने आकर उनका राजनैतिक पार्टियों, खासतौर से काँग्रेस सरकार से "रिश्ता" उजागर हो चुका है।
मीडिया के मन में कुछ ऐसा चल रहा है:
हमें मालूम है सारी हक़ीकत लेकिन,
आँख मूँद कर बैठने का मजा ही कुछ और है!!!
भारत में इतनी परेशानियाँ हैं और इतने विवाद हैं, कि हम सभी कहीं न कहीं उनका हिस्सा बनते हैं दुखी होते हैं। दुखी व परेशान होना उपाय नहीं है। जो भ्रष्टाचार व अन्य बुराइयाँ हम समाज व राजनीति में देखते हैं उन मुद्दों को उठाना बहुत जरूरी है। "गुस्ताखियाँ हाजिर हैं" स्तम्भ की शुरुआत इसी मिशन का एक हिस्सा है। यहाँ हँसी मजाक भी होगा और गम्भीर मुद्दे भी उठाये जायेंगे। ये आवाज़ आगे और बुलंद होगी यही उम्मीद है।
अगले सप्ताह नईं गुस्ताखियों के साथ फिर हाजिर होंगे। तब तक के लिये नमस्कार।
गुस्ताखियाँ जारी हैं.....
गुस्ताखियाँ जारी हैं.....