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Wednesday, January 4, 2012

अकड़ किस बात कि प्यारे, ये सर फिर भी झुकाना है - फ़िल्म : तीसरी कसम (भूले बिसरे गीत) Spiritual Song From Teesri Kasam (1966)- Old Songs Series, Raj Kapoor-Mukesh


भूले बिसरे गीत में आज फ़िल्म तीसरी क़सम के मेरी पसन्द के दो गीत। हालाँकि फ़िल्म के अन्य गीतों में "चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे" और "सजनवा बैरी हो गये हमार" गीत भी बेहतरीन हैं पर आज यही दो गीत..
ये गीत मुझे इसलिये भी पसन्द हैं क्योंकि इनके शब्दों में सच्चाई है, सफ़ाई है, शुद्धता है। ज़िन्दगी का व समाज का आईना है। बिना बात की अकड़ लिये हम किसी न किसी बात पर अहंकार ले आते हैं। खास तौर पर "सजन रे झूठ मत बोलो" तो दिल के बेहद करीब है....
चाहें राजा हो या प्यादा खेल समाप्त होने पर सभी को एक ही डब्बे में जाना होता है।
सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है
फ़िल्म - तीसरी क़सम (1966)
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गीतकार: शैलेंद्र
गायक: मुकेश

सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना हैन हाथी है ना घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है
तुम्हारे महल चौबारे, यहीं रह जाएंगे सारे 
अकड़ किस बात कि प्यारे
अकड़ किस बात कि प्यारे, ये सर फिर भी झुकाना है
सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ...

भला कीजै भला होगा, बुरा कीजै बुरा होगा 
बही लिख लिख के क्या होगा
बही लिख लिख के क्या होगा, यहीं सब कुछ चुकाना है
सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ...

लड़कपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया
बुढ़ापा देख कर रोया
बुढ़ापा देख कर रोया, वही किस्सा पुराना है
सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है
न हाथी है ना घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है
सजन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है ...
दुनिया बनाने वाले,  क्या तेरे मन में समाई 
फ़िल्म - तीसरी क़सम (1966)
संगीतकार: शंकर जयकिशन
गीतकार: शैलेंद्र
गायक: मुकेश

दुनिया बनाने वाले,  क्या तेरे मन में समाई 
काहेको दुनिया बनाई, तूने काहेको दुनिया बनाई

काहे बनाए तूने माटी के पुतले,
धरती ये प्यारी प्यारी मुखड़े ये उजले
काहे बनाया तूने दुनिया का खेला
जिसमें लगाया जवानी का मेला
गुप-चुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
काहेको दुनिया बनाई, तूने काहेको दुनिया बनाई  ...

तू भी तो तड़पा होगा मन को बनाकर,
तूफ़ां ये प्यार का मन में छुपाकर
कोई छवि तो होगी आँखों में तेरी
आँसू भी छलके होंगे पलकों से तेरी
बोल क्या सूझी तुझको, काहेको प्रीत जगाई
काहेको दुनिया बनाई, तूने काहेको दुनिया बनाई  ...

प्रीत बनाके तूने जीना सिखाया, हंसना सिखाया,
रोना सिखाया
जीवन के पथ पर मीत मिलाए
मीत मिलाके तूने सपने जगाए
सपने जगाके तूने, काहे को दे दी जुदाई
काहेको दुनिया बनाई, तूने काहेको दुनिया बनाई ...
जय हिन्द
वन्देमातरम
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Thursday, December 1, 2011

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार जीना इसी का नाम है Film Anari 1959, Singer Mukesh

राजकपूर की फ़िल्म अनाड़ी आई थी 1959 में। आज भूले बिसरे गीत में शामिल हैं इसी फ़िल्म के गीत। राजकपूर के अधिकतर गाने मुकेश ने गाये हैं और उनकी आवाज़ के कहने ही क्या...

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार 


इस गाने को यूट्यूब पर सर्च करने पर आपको सैकड़ों ऐसे गाने भी मिल जायेंगे जो किसी न किसी सम्गीत प्रेमी ने राज कपूर व मुकेश की याद में स्वयं गाये हैं... उन्हें श्रद्धांजलि दी है..यही इसके बोल, आवाज़ का कमाल है...
ब्लॉगर में कोई "बग" है जिसके कारण इस गाने को सर्च करने पर भी "असली" गाना नहीं दिखा रहा है अत:  लिंक पर आपको स्वयं जाना होगा..


असली गाना इस लिंक पर 
http://www.youtube.com/watch?v=tKpfIAXnPr0


किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार 
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

माना  अपनी  जेब  से  फ़कीर  हैं
फिर  भी  यारों  दिल  के  हम  अमीर  हैं
माना  अपनी  जेब  से   फ़कीर  हैं
फिर  भी  यारों  दिल  के  हम  अमीर  हैं

मिटे  जो  प्यार  के  लिए  वो  ज़िन्दगी 
चले  बहार  के  लिए  वो  ज़िन्दगी
किसी  को  हो  न  हो  हमें  तो  ऐतबार
जीना  इसी  का  नाम  है

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

रिश्ता  दिल  से  दिल  के  ऐतबार  का 
जिंदा  है  हमी  से  नाम  प्यार  का 
रिश्ता  दिल  से  दिल  के  ऐतबार  का 
जिंदा  है  हमी  से  नाम  प्यार  का 


कि मरके  भी  किसी  को  याद  आयेंगे 
किसी  के  आंसुओ  में  मुस्कुरायेंगे 
कहेगा  फूल  हर  कली  से  बार  बार 
जीना  इसी  का  नाम  है 

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है


सब  कुछ  सीखा  हमने , न  सीखी  होशियारी 

सब  कुछ  सीखा  हमने , न  सीखी  होशियारी
सच  है  दुनियावालों , की  हम  हैं  अनाड़ी

दुनिया  ने  कितना  समझाया
कौन  है  अपना , कौन  पराया
फिर  भी  दिल  की  चोट  छुपा  कर
हमने  आपका  दिल  बहलाया
खुद  पे  मर  मिटने  की , ये  जिद  थी  हमारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

असली  नकली  चेहरे  देखे
दिल  पे  सौ  सौ  पहरे  देखे
मेरे  दुखते  दिल  से  पूछो
क्या  क्या  ख्वाब  सुन्हेरे  देखे
टूटा  जिस  तारे  पे  नज़र  थी  हमारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

दिल  का  चमन  उजड़ते  देखा
प्यार  का  रंग उतरते देखा
हमने  हर  जीने वाले  को
धन दौलत  पे  मरते देखा
दिल  पे  मरने वाले मरेंगे भिखारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

भूले बिसरे गीत के अन्य गीत

जय हिन्द
वन्देमातरम
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Sunday, May 29, 2011

भूले बिसरे गीत में इस बार रफ़ी और मुकेश की आवाज़ में सदाबहार नग़में Songs of Rafi And Mukesh : Old Hindi Movie Songs

भूले बिसरे गीत के पहले अंक में प्यासा फ़िल्म के गीतों को सुना। आज के अंक में चार गीत ले कर आया हूँ एक बार फिर श्वेत-श्याम युग से। ये गीत आज भी नये से लगते हैं और इसलिये शायद इन्हें सदाबहार गीतों का दर्जा दिया गया है। रेड एफ़.एम को यदि छोड़ दें (क्योंकि ये बाप के जमाने के गाने नहीं सुनाते) तो तकरीबन सभी एफ़.एम वाले पुराने गीतों का एपिसोड जरूर सुनाते हैं।


क्योंकि गीत को मशहूर और सदाबहार बनाने में इसके पीछे के कलाकार यानि गायक, गीतकार व संगीत कार का भी पूरा योगदान होता है इसलिये हर गीत के साथ इसको मशहूर बनाने वाले पर्दे के पीछे की उन महान हस्तियों के भी नाम दिये गये हैं।


गीत १.
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया...हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया।

इस गीत के बोलों को यदि आत्मसात कर लिया जाये तो जीने की कला आ जाये!!!



फ़िल्म : हम दोनों (1961)
गायक : मो. रफ़ी
संगीत: जयदेव
गीतकार: साहिर लुधियानवी




गीत २. ये मेरा दीवानापन है


फ़िल्म : यहूदी (1958)
गायक : मुकेश
संगीत: शंकर, जयकिशन
गीतकार: शहरयार
कलाकार: दिलीप कुमार, मीना कुमारी


गीत ३. तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं, तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी






गायक: मुकेश
संगीत: रोशन
गीतकार: साहिर लुधियानवी
फ़िल्म : दिल ही तो है।


गीत ४. किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार...
मुकेश की आवाज़ का जादू सर चढ़ कर बोलता है। और ये गीत दिल के अंदर तक छू कर जीना सिखा जाता है!!!

फ़िल्म: अनाड़ी
गीतकार: शैलेंद्र
संगीत: शंकर जयकिशन
गायक: मुकेश


आने वाले अंकों में श्वेत - श्याम युग जारी रहेगा और एक बार फिर लेकर आयेंगे सदाबहार गीत (दादाजी के जमाने से)। कुछ तो बात थी उन गीतों में... आपका क्या ख्याल है?
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