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Tuesday, August 23, 2011

राम लीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अन्ना हजारे का अनशन Anna Hazaare, Ramlila Ground Delhi, Anti Corruption Campaign

अन्ना हजारे- एक ऐसा नाम जो लाखों लोगों को अपनी बातों से, अपने उद्देश्य से सबको एक धागे में पिरोये हुए है। आज के भारत का एक ऐसा शख्स जिसके लिये कहा जा रहा है कि भारत में ऐसा कोई नेता या अभिनेता नहीं जो इतनी भारी भीड़ को सात दिनों तक मैदान में इकट्ठा कर सके। 

अन्ना अनशन क्यों कर रहे हैं ये सभी को पता है इसलिये आपका ज्यादा समय नहीं लूँगा। जनलोकपाल का समर्थन पाने की चाह में आज लगातार आठवें दिन उनका अनशन जारी है।

ऑफ़िस के कुछ साथी रविवार की कड़ी धूप में रामलीला मैदान, दिल्ली पहुँचे। मैं जैसे ही नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन में मेट्रो से बाहर निकला  मुझे हाथ में तिरंगे लिये, मुँह पर वन्देमातरम का राग व अन्ना  के साथ उनके संघर्ष में उनके साथ रहने की प्रतिज्ञा करते हुए झुंड के झुंड रामलीला मैदान की ओर जा रहे हैं। स्टेशन के अंदर ही सैकड़ों लोग व तिरंगे..

आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसे मौके कम ही आये होंगे जब स्वतंत्रता दिवस से भी अधिक झंडे सड़कों पर दिखाये दे रहे हों। जितने लोग मैदान में थे उससे कहीं अधिक लोग सड़कों पर थे।

आपके लिये कुछ तस्वीरें रामलीला मैदान से ही...




नारे लगाते लोगों के कुछ वीडियो भी...



"मितवा" गाने पर आकाश में स्वच्छंद उड़ते पंछियों को देख कर लगा कि शायद अब देश आज़ाद होगा.. 



अब कुछ ऐसे चित्र भी जो ये सोचने पर मजबूर करेंगे कि लोकपाल भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलवा भी दे फिर भी इस कथित "सभ्य समाज" में सभ्य लोगों की कहीं कमी सी है। 

कूड़ा फ़ैलाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है....





लाइन तोड़ते और बिना हेलमेट व चार लोग एक बाइक पर..ऐसे दृश्य आम देखे जा सकते थे... ये सब देखकर कहीं से लगा नहीं कि ये लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ़ साथ देने आये हैं... भ्रष्टाचार तो केवल एक राक्षस है... हर आदमी में जो राक्षस पल रहा है जब तक उसके लिये लोकपाल नहीं आयेगा तब तक यह देश आज़ाद नहीं होगा।


आज़ादी की लड़ाई हमने नहीं देखी...पर रविवार को हमने देखा कि आज़ादी ऐसे ही मिली होगी।


नेताओं के भ्रष्टाचार तो हमें दिखता है और लोकपाल से साठ प्रतिशत दूर भी हो जाये परन्तु क्या वो दिन भी आयेगा जब हम लाइसेंस के लिये दो हजार, मैरिज सर्टिफ़िकेट के लिये पाँच हजार व पासपोर्ट के लिये दो सौ रूपये न दें?



वन्दे मातरम...
जय हिन्द
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Saturday, August 20, 2011

आधी रात को "अन्ना के अनशन" पर हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक Congress Midnight Meeting Rahul Gandhi, Manmohan Singh Present In Meeting

अभी अभी खबर आई है कि आधी रात को कांग्रेस के कुछ मुख्य सदस्यों के बीच एक बैठक हुई। राहुल गाँधी जी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में थे मनमोहन सिंह, कपिल सिब्बल व चिदम्बरम। हमारे पास इस बैठक में हुई बातों के "ए़स्क्ल्यूज़िव टैक्स्ट" है। आइये जानते हैं कि इस बैठक में आखिर हुआ क्या?

कपिल सिब्बल: नमस्कार राहुल बाबा।
चिदम्बरम: नमस्कार राहुल बाबा।
मनमोहन सिंह: नमस्कार....
राहुल: अरे नमस्कार नहीं.. जय किसान बोलिये.. शास्त्री जी के नारे में से मुझे यही नारा पसंद आया है। 

मनमोहन सिंह: जय कि...
राहुल बाबा: चलिये ये सब छोड़िये..सीधा मुद्दे पर आते हैं। इस अन्ना का क्या किया जाये?
कपिल: अन्ना का क्या करना है... सब ठीक हो जायेगा.. थोड़े दिन रूकिये अपने आप आंदोलन ठंडा हो जायेगा।
चिद्दु: पर सिब्बल जी, पिछली बार भी हमने यही सोचा था.. पर हुआ क्या... उलटे और भी ज्यादा लोग आंदोलन में जुड़ गये।
सिब्बल : हमने यही सोचा था कि जैसे रामदेव को भगाया.. वैसे ही अन्ना को जेल भिजवा कर ये अनशन भी तुड़वा देंगे।
चिद्दु: पर रामदेव के साथ ये क्रेन बेदी, केजरीवाल जैसे बंदे होते तो खाट खड़ी कर देते। बेचारा रामदेव... रामदेव का आंदोलन इससे ज्यादा बढ़ा साबित होता..उसके साथ गाँव के लोग जुड़े हुए हैं..और दिल्ली से बाहर के..
सिब्बल: और अन्ना के साथ शहर वाले... वोट की चिंता समाप्त.. हा हा...

राहुल: हाँ.. सभी जानते हैं कि ये शहरी वोट हमारे किसी काम के नहीं...रामदेव को पहली रात ही खत्म करना बहुत जरूरी था।
सिब्बल: एक काम करते  हैं अन्ना की टीम से मुलाकात करते हैं..दस में से चार-पाँच बातें और मान जाते हैं थोड़ा वे आगे बढ़ेंगे थोड़ा हम..बस हो गया काम...बोलिये..
मनमोहन सिंह: मेरे दिमाग में एक आईडिया आया है...

बाकि सभी एक साथ: क्या बात है..क्या बात है...आपको एक आईडिया है.. भई बाह...

मनमोहन सिंह: अरे सुनिये तो..मज़ाक की बात नहीं है.. हम उनकी सारी बातें मान जाते हैं। इससे लोगों में हमारी इज़्ज़त बढ़ जायेगी। सब यही समझेंगे कि हम जन लोकपाल के साथ है। पर हम ये जानते हैं कि सभी पार्टियाँ अन्ना के बिल से सहमत नहीं हैं। संसद में ये बिल पास हो ही नहीं सकता.. गारंटीड....


राहुल बाबा: कौन कहता है आपको राजनीति नहीं आती...? मैं मम्मी से बात करता हूँ.. आपकी प्रोमोशन के बारे में.. अगली बार आपको राष्ट्रपति बनायेंगे..

मनमोहन: राहुल बाबा आपका शुक्रिया...
राहुल बाबा: अरे शुक्रिया कैसा.. आप ही तो हमारे काम आते हैं...
सिब्बल जी: मनमोहन जी, आपने क्या युक्ति सुझाई है.. साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे.. अगर ये आप पहले बता देते तो प्रेस कांफ़्रेंस में हमारी इंसल्ट न होती। अब हर जगह हमें ताने सुनने को मिल रहे हैं। "हू हा हू हा कपिल सिब्बल चूहा" जैसे नारे... ओह...


चिद्दु: कोई नहीं जी.. देर आये दुरुस्त आये.. अभी ही ऐलान कर देते हैं..
राहुल: अरे आप नहीं.. जरूरत पड़ने पर मैं जाकर ऐलान करूँगा कि अन्ना को बिना बात परेशान किया गया और उनकी सभी बातें मानी जायें। इससे क्या होगा आप जानते ही हैं। वैसे भी मुझे यह कहकर बदना किया जा रहा है कि "सारे युवा यहाँ हैं..राहुल गाँधी कहाँ हैं?"...

(सभी सदस्य ताली बजाते हैं)

राहुल : बड़े दिनों से हम किसानों से मिलने नहीं गये.. यूपी में बगावत करवाओ.. रीता बहुगुणा जी आखिर कर क्या रही हैं.. नोएडा की बातों को भी महीने से ऊपर हो गया है। चुनाव सर पर हैं...
सिब्बल: मैं बात करता हूँ।
राहु्ल: चलिए मीटिंग समाप्त... कल अनशन की कंडीशन देखकर आज के विचारों पर कल फ़ैसला लेंगे.. सबको मंज़ूर है?

जी (सभी एक स्वर में)

मनमोहन जी: जी मंजूर है। राहुल बाबा.. सोनिया मैडम कैसी हैं अब?
राहुल: मुझे भी उनकी बहुत याद आ रही है। दो दिन में जाने की सोचता हूँ।
सिब्बु: लोकसभा सेक्रेट्री को आपकी यात्रा के बारे में बताना है क्या?
राहुल बाबा: सिब्बल जी, कैसी बहकी सी बातें कर रहे हैं.. इतने सालों में कभी हमने लोकसभा सेकेट्री से परमीशन ली है जो अब लेंगे? कब कहाँ कैसे जाना है ये हम तय करते हैं..लोकसभा सेक्रेट्री किस खेत की मूली है?

गुस्ताखियाँ हाजिर में आज इतना ही। आपको ये कड़ी कैसी लगी और श्रृंख्ला में आप किन किरदारों को पढ़ना चाहेंगे, जरूर बतायें।
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Monday, June 13, 2011

कांग्रेस की आपातकालीन बैठक में छाये रहे अन्ना व रामदेव Emergency Congress Meet - Anna, Ramdev discussed

हाल ही में रामदेव व अन्ना हजारे के अनशन प्रकरण के बीच कांग्रेस ने सोनिया जी के निवास पर आपातकालीन बैठक बुलाई। वहाँ पहुँचे मनमोहन, सोनिया, राहुल और दिग्विजय सिंह। हमारे संवाददाता ने उनकी बातचीत सुनी। आईये आप भी पढ़ें बैठक के अंदर का हाल।

मनमोहन सिंह: मैडम जी, राहुल बाबा व अन्य मंत्रीगण। जैसा कि आप जानते हैं कि अन्ना व रामदेव हम पर दबाव डाल रहे हैं। मैंने सोचा है कि...
राहुल गाँधी (बीच में टोकते हुए): अरे रुकिये मनमोहन जी। मम्मी आप बताइये कैसे निपटा जाये इस अनशन के अंटशंट से।
सोनिया जी: अभी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है। उत्तर प्रदेश में चुनाव भी सर पर हैं। इन सबसे बचने का उपाय तो प्रियंका ही हो सकती है।
राहुल: मतलब दीदी भी अनशन करेगी?
सोनिया जी: अरे नहीं.. पर यदि उत्तर प्रदेश लाज बचानी है तो हम उसे चुनाव प्रचार में उतार सकते हैं।
दिग्विजय सिंह: राहुल बाबा, मैडम ठीक कह रही हैं। रामदेव व अन्ना को संघ का एजेंट घोषित करा देते हैं।

तभी न जाने कहाँ से उमा भारती आ धमकती हैं। सभी एकदम आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

उमा: दिग्गी राजा.. कैसे हो....जिस तरह मध्य प्रदेश से तुम्हें हटाया था उसी तरह से उत्तर प्रदेश से भी तुम्हें साफ़ कर देंगे। मैं आ गई हूँ...
दिग्विजय सिंह: अरे उमा जी.. आइये..धन्यभाग हमारे। बड़े दिनों से किसी ने हमें दिग्गी राजा नहीं कहा था। उत्तर प्रदेश हमारा है उमा जी। राहुल बाबा हमारे साथ हैं..
मनमोहन जी: हाँ उमा जी राहुल बाबा की जय हो। वैसे भी हमारी सरकार वहाँ किसानों के लिये नये नये प्रोजेक्ट के बारे में सोच रही है। वहाँ पंचायत होगी.. गाँव वालों से मिलेंगे और हम अपनी नीतियाँ लोगों तक पहुँचायेंगे.. हम...
सोनिया जी: मनमोहन जीईईईईईईई...
मनमोहन सिंह: सॉरी मैडम... मैं भावनाओं में बह गया था...
राहुल जी: डॉक्टर साहब आप मौन रहा करिये.. बोलने का काम मेरा और मम्मी जी का है। राईट मॉम?
सोनिया जी: यस बेटा! मनमोहन जी, आप तब बोला कीजिये जब मीडिया हमसे घोटालों के बारे में पूछे। बाकि समय बीच में टाँग न अड़ायें।
मनमोहन सिंह (मायूस होते हुए): ओके मैडम...

उमा भारती एक नजर राहुल बाबा की ओर देखती हैं फिर वापस चला जाती हैं...

बैठक में थोड़ी देर के अंतराल के बाद.....

दिग्विजय सिंह: मैडम ओबामा ने जिस तरह से लादेन जी को मरवाया था वो मुझसे देखा नहीं गया। कोई मानवाधिकार नाम की चीज़ नहीं है क्या विश्व में?
सोनिया जी: अरे दिग्विजय जी आप कौन सा विषय उठा रहे हैं? हम अन्ना पर चर्चा कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह: ओह.. हाँ.. उस घटना कि याद आते ही तन बदन में आग लग जाती है। पता नहीं कहाँ से याद आ गया सब कुछ। अब नहीं बोलूँगा।
सोनिया जी (जनता से): हमारे महासचिव का बयान उनका निजी बयान समझा जाये कांग्रेस का नहीं।
राहुल बाबा: एक काम करते हैं। थोड़ी माँगें मान लेते हैं.. बाकि कल पर टाल देते हैं।
सोनिया जी: सही कह रहे हो बेटा।
राहुल बाबा: चलो जी मीटिंग ऑवर।
मनमोहन सिंह: पर मीटिंग ऑवर कैसे? अभी तो हमने कोई निर्णय लिया ही नहीं।
राहुल बाबा: आपको कोई निर्णय लेना भी नहीं है। हमारे पास प्रणव मुखर्जी हैं। वे सम्भाल लेंगे। आप बस 2जी, कलमाड़ी, कनिमोझी को सम्भाले रखिये। आपका मुखौटा हमारे लिये कितना जरूरी है आप नहीं जानते। मेरा वैसे भी एक गाँव में रात गुजारने का प्लान है।
दिग्विजय सिंह: सही बात है। और मैं संघ के किसी और एजेंट को ढूँढता हूँ। ये रामदेव और अन्ना का राग कब तक अलापूँगा। वैसे आप लोग कहें तो "आस्था" चैनल पर केस कर दें? सुना है कि वो चैनल बालकृष्ण का है?
सोनिया जी: क्या कह रहे हैं दिग्विजय जी? करवाईये पड़ताल...बाय राहुल.. टेक केयर...

बैठक समाप्ति ओर.. लेकिन तभी...
अरे ये क्या? ये कौन आ गया.. बैठक में एक बार फिर सन्नाटा...

सुषमा स्वराज नाचती हुई दाखिल हुईं... 


"ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का.. इस देश का यारों....क्या कहना ये देश है दुनिया का गहना...."


और फिर वापस चली जाती हैं...

मनमोहन सिंह: ये सुषमा जी यहाँ किस मक़सद से आईं थीं।
दिग्विजय सिंह: अरे हमारे राहुल बाबा की तारीफ़ों के क़सीदे पढ़ने के लिये.. उन्हें वीर जवान कहा गया है। वे ही इस देश के सच्चे जवान हैं। बाकि सब तो संघ के एजेंट.....

पर्दा गिरता है...
समाप्त....


गुस्ताखियाँ हाजिर हैं आप को कैसा लगा और आप किस तरह की गुस्ताखियाँ पढ़ना पसंद करेंगे? जरूर बताइयेगा। 

नोट:
सुषमा स्वराज ने राजघाट पर जाने अनजाने गाना गाया हो.. नाचीं हों.. राजघाट का अपमान किया हो या नहीं...उसे भूल जाते हैं.. मनमोहन सिंह जी मौन थे मौन हैं मौन रहेंगे... तो उन्हें भूल जाते हैं। सोनिया जी कांग्रेस की ही नहीं बल्कि इस देश की मैडम हैं और राहुल गाँधी बाबा...ये आप और मैं गाँठ बाँध लेते हैं... 
दिग्विजय सिंह फ़ेसबुक पर डॉगविजय सिंह के नाम से मशहूर हो रहे हैं। संघ को साम्प्रदायिक बताने वाले कांग्रेस के नेताओं को इतिहास नहीं पता जब पंडित नेहरू ने सन 62-63 में संघ से उनके चीन युद्ध में सहायता करने के लिये गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का आग्रह किया था.....शायद नेहरू गलत थे (?)

खैर ये सब भूल जाते हैं.....पर याद रखनी होगी एक बात

इस देश को दुनिया का गहना बनाना है। जो देश में हाल-फ़िलहाल हो रहा है वो इस देश के लिये आवश्यक था। यदि आप आक्रोश में हैं तो इसका सही इस्तेमाल कीजिये। मैंने कईं कमेंट पढ़े, फ़ेसबुक पर पढ़ा.. "अनशन से कुछ नहीं होना.. राजनीति है... सब बकवास है... इस देश का कभी भला नहीं होगा..."... ये सब नकरात्मक बातें हैं। ये इस देश का दुर्भाग्य कहा जायेगा कि युवाओं में  नकरात्मकता का इस कदर प्रभाव है। 

परन्तु इन सब के बीच एक और गीत मेरे जहन में अनायास ही आ जाता है...और मन शांत हो जाता है...

हम होंगे कामयाब... हम होंगे कामयाब....हम होंगे कामयाब एक दिन...
हो हो मन में है विश्वास..पूरा है विश्वास.....हम होंगे कामयाब एक दिन...
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Saturday, April 9, 2011

अन्ना : आज का गाँधी... Anna Hazaare's Mission.. Make It A Success!!!

भ्रष्टाचार से "काली" पड़ी
एक कढ़ाई को
इंतज़ार है एक ऐसे "स्क्रॉच ब्राईट" का
जो दाग धो सके दशकों के
जो आकाओं ने उसको दिये हैं,
भ्रष्टाचार की अग्नि में झोंक-झोंक कर....

धरती जो कराह रही है
जिसे लगी प्यास है
दिल में जिसे आस है...
उस बादल की जो
बरसेगा और
भीतर जल रही अग्नि को
बुझायेगा...
वो बादल आज आकाश में है...

वो ज्वालामुखी आज फ़टने को है...
वो जलजला आज आने को है...

"आज़ाद" जिसके कण कण में है..
आज़ादी जिसके मन में है..
वो "अन्ना" आज का "गाँधी" है..
वो धूल उड़ाती आँधी है...
बहत्तर बरस का ये "युवा" है..
जहाँ चाहता है,
रुख वहाँ हवा का है...
आज उसके संग हो लो...
केवल नेताओं का नहीं...
अपना भी "काला" रंग धो लो...
यदि बनाते हम यही अपना "मिशन" है
तभी सफल होता ये अनशन है...



अन्ना के बारे में अब सभी लोग जान चुके हैं। इसलिये कुछ नहीं कहूँगा। सभी से केवल इतना ही आग्रह है कि जहाँ अन्ना भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन हम सभी जानते हैं कि कहीं न कहीं हम भी भ्रष्टाचार का हिस्सा बने हैं.. कभी रिश्वत दी है (जाने-अनजाने डोनेशन वगैरह के माध्यम से ही सही) या ली है। इसलिये ये जंग हमारी स्वयं से है अपने ही समाज से है जिसका हम अंग हैं। ये कठिन है...परन्तु तभी शायद अन्ना का अनशन सफल माना जा सकता है... कहते हैं कि घर के बाहर सुधार करने से पहले घर के भीतर सुधार की आवश्यकता है। पर हम शायद अभी ये न समझ पायें.... आशा करूँगा कि अनशन अंतहीन न हो... वरना "अन्ना" और "जे.पी." पैदा होते रहेंगे..अनशन करते रहेंगे.. परन्तु स्थिति नहीं सुधरने पायेगी।

वन्देमातरम..
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