Monday, June 13, 2011

कांग्रेस की आपातकालीन बैठक में छाये रहे अन्ना व रामदेव Emergency Congress Meet - Anna, Ramdev discussed

हाल ही में रामदेव व अन्ना हजारे के अनशन प्रकरण के बीच कांग्रेस ने सोनिया जी के निवास पर आपातकालीन बैठक बुलाई। वहाँ पहुँचे मनमोहन, सोनिया, राहुल और दिग्विजय सिंह। हमारे संवाददाता ने उनकी बातचीत सुनी। आईये आप भी पढ़ें बैठक के अंदर का हाल।

मनमोहन सिंह: मैडम जी, राहुल बाबा व अन्य मंत्रीगण। जैसा कि आप जानते हैं कि अन्ना व रामदेव हम पर दबाव डाल रहे हैं। मैंने सोचा है कि...
राहुल गाँधी (बीच में टोकते हुए): अरे रुकिये मनमोहन जी। मम्मी आप बताइये कैसे निपटा जाये इस अनशन के अंटशंट से।
सोनिया जी: अभी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है। उत्तर प्रदेश में चुनाव भी सर पर हैं। इन सबसे बचने का उपाय तो प्रियंका ही हो सकती है।
राहुल: मतलब दीदी भी अनशन करेगी?
सोनिया जी: अरे नहीं.. पर यदि उत्तर प्रदेश लाज बचानी है तो हम उसे चुनाव प्रचार में उतार सकते हैं।
दिग्विजय सिंह: राहुल बाबा, मैडम ठीक कह रही हैं। रामदेव व अन्ना को संघ का एजेंट घोषित करा देते हैं।

तभी न जाने कहाँ से उमा भारती आ धमकती हैं। सभी एकदम आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

उमा: दिग्गी राजा.. कैसे हो....जिस तरह मध्य प्रदेश से तुम्हें हटाया था उसी तरह से उत्तर प्रदेश से भी तुम्हें साफ़ कर देंगे। मैं आ गई हूँ...
दिग्विजय सिंह: अरे उमा जी.. आइये..धन्यभाग हमारे। बड़े दिनों से किसी ने हमें दिग्गी राजा नहीं कहा था। उत्तर प्रदेश हमारा है उमा जी। राहुल बाबा हमारे साथ हैं..
मनमोहन जी: हाँ उमा जी राहुल बाबा की जय हो। वैसे भी हमारी सरकार वहाँ किसानों के लिये नये नये प्रोजेक्ट के बारे में सोच रही है। वहाँ पंचायत होगी.. गाँव वालों से मिलेंगे और हम अपनी नीतियाँ लोगों तक पहुँचायेंगे.. हम...
सोनिया जी: मनमोहन जीईईईईईईई...
मनमोहन सिंह: सॉरी मैडम... मैं भावनाओं में बह गया था...
राहुल जी: डॉक्टर साहब आप मौन रहा करिये.. बोलने का काम मेरा और मम्मी जी का है। राईट मॉम?
सोनिया जी: यस बेटा! मनमोहन जी, आप तब बोला कीजिये जब मीडिया हमसे घोटालों के बारे में पूछे। बाकि समय बीच में टाँग न अड़ायें।
मनमोहन सिंह (मायूस होते हुए): ओके मैडम...

उमा भारती एक नजर राहुल बाबा की ओर देखती हैं फिर वापस चला जाती हैं...

बैठक में थोड़ी देर के अंतराल के बाद.....

दिग्विजय सिंह: मैडम ओबामा ने जिस तरह से लादेन जी को मरवाया था वो मुझसे देखा नहीं गया। कोई मानवाधिकार नाम की चीज़ नहीं है क्या विश्व में?
सोनिया जी: अरे दिग्विजय जी आप कौन सा विषय उठा रहे हैं? हम अन्ना पर चर्चा कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह: ओह.. हाँ.. उस घटना कि याद आते ही तन बदन में आग लग जाती है। पता नहीं कहाँ से याद आ गया सब कुछ। अब नहीं बोलूँगा।
सोनिया जी (जनता से): हमारे महासचिव का बयान उनका निजी बयान समझा जाये कांग्रेस का नहीं।
राहुल बाबा: एक काम करते हैं। थोड़ी माँगें मान लेते हैं.. बाकि कल पर टाल देते हैं।
सोनिया जी: सही कह रहे हो बेटा।
राहुल बाबा: चलो जी मीटिंग ऑवर।
मनमोहन सिंह: पर मीटिंग ऑवर कैसे? अभी तो हमने कोई निर्णय लिया ही नहीं।
राहुल बाबा: आपको कोई निर्णय लेना भी नहीं है। हमारे पास प्रणव मुखर्जी हैं। वे सम्भाल लेंगे। आप बस 2जी, कलमाड़ी, कनिमोझी को सम्भाले रखिये। आपका मुखौटा हमारे लिये कितना जरूरी है आप नहीं जानते। मेरा वैसे भी एक गाँव में रात गुजारने का प्लान है।
दिग्विजय सिंह: सही बात है। और मैं संघ के किसी और एजेंट को ढूँढता हूँ। ये रामदेव और अन्ना का राग कब तक अलापूँगा। वैसे आप लोग कहें तो "आस्था" चैनल पर केस कर दें? सुना है कि वो चैनल बालकृष्ण का है?
सोनिया जी: क्या कह रहे हैं दिग्विजय जी? करवाईये पड़ताल...बाय राहुल.. टेक केयर...

बैठक समाप्ति ओर.. लेकिन तभी...
अरे ये क्या? ये कौन आ गया.. बैठक में एक बार फिर सन्नाटा...

सुषमा स्वराज नाचती हुई दाखिल हुईं... 


"ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का.. इस देश का यारों....क्या कहना ये देश है दुनिया का गहना...."


और फिर वापस चली जाती हैं...

मनमोहन सिंह: ये सुषमा जी यहाँ किस मक़सद से आईं थीं।
दिग्विजय सिंह: अरे हमारे राहुल बाबा की तारीफ़ों के क़सीदे पढ़ने के लिये.. उन्हें वीर जवान कहा गया है। वे ही इस देश के सच्चे जवान हैं। बाकि सब तो संघ के एजेंट.....

पर्दा गिरता है...
समाप्त....


गुस्ताखियाँ हाजिर हैं आप को कैसा लगा और आप किस तरह की गुस्ताखियाँ पढ़ना पसंद करेंगे? जरूर बताइयेगा। 

नोट:
सुषमा स्वराज ने राजघाट पर जाने अनजाने गाना गाया हो.. नाचीं हों.. राजघाट का अपमान किया हो या नहीं...उसे भूल जाते हैं.. मनमोहन सिंह जी मौन थे मौन हैं मौन रहेंगे... तो उन्हें भूल जाते हैं। सोनिया जी कांग्रेस की ही नहीं बल्कि इस देश की मैडम हैं और राहुल गाँधी बाबा...ये आप और मैं गाँठ बाँध लेते हैं... 
दिग्विजय सिंह फ़ेसबुक पर डॉगविजय सिंह के नाम से मशहूर हो रहे हैं। संघ को साम्प्रदायिक बताने वाले कांग्रेस के नेताओं को इतिहास नहीं पता जब पंडित नेहरू ने सन 62-63 में संघ से उनके चीन युद्ध में सहायता करने के लिये गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का आग्रह किया था.....शायद नेहरू गलत थे (?)

खैर ये सब भूल जाते हैं.....पर याद रखनी होगी एक बात

इस देश को दुनिया का गहना बनाना है। जो देश में हाल-फ़िलहाल हो रहा है वो इस देश के लिये आवश्यक था। यदि आप आक्रोश में हैं तो इसका सही इस्तेमाल कीजिये। मैंने कईं कमेंट पढ़े, फ़ेसबुक पर पढ़ा.. "अनशन से कुछ नहीं होना.. राजनीति है... सब बकवास है... इस देश का कभी भला नहीं होगा..."... ये सब नकरात्मक बातें हैं। ये इस देश का दुर्भाग्य कहा जायेगा कि युवाओं में  नकरात्मकता का इस कदर प्रभाव है। 

परन्तु इन सब के बीच एक और गीत मेरे जहन में अनायास ही आ जाता है...और मन शांत हो जाता है...

हम होंगे कामयाब... हम होंगे कामयाब....हम होंगे कामयाब एक दिन...
हो हो मन में है विश्वास..पूरा है विश्वास.....हम होंगे कामयाब एक दिन...

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