वेद यानि ज्ञान। हमारे चार वेद ज्ञान का भंडार हैं। विज्ञान, गणित, जीवन जीने का रहस्य, ईश्वर, आध्यात्म सब कुछ है इनमें।
वेदों में सबसे पुराना है ऋग्वेद है। क्या आप जानते हैं कि ऋग्वेद में सूर्य की प्रकाश की गति कितनी बताई हुई है? 2202 योजन प्रति आधा निमेष।
1 योजन = 9 मील और 16/75 सेकंड होता है एक निमेष।
इसका मतलब हुआ 8/75 सेकंड में 2202 * 9 मील या कहें कि 1 सेकंड में 2202*9/8*75 मील।
ये उतना ही बैठेगा जितना आज हमें किताबों में बताया जाता है। यानि 1,86,000 मील प्रति से. प्रकाश की गति नापने के लिये आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से तैयार यंत्रों की सहायता ली जाती है। उसी गति को हमारे ऋषियों ने उस समय के वैज्ञानिक आधार से निकाला था। कैसे किया ये तो रहस्य है। लेकिन इतना तय है कि उस काल का विज्ञान हमारे आज के समय से कहीं ज्यादा आगे था। जिस ईश्वर की खोज आज हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं उसी ईश्वर को ऋषियों ने योग व ज्ञान के आधार पर जान लिया था।
आप को जहाँ से भी इस तरह की वैदिक जानकारी पता चले कृपया अवश्य बाँटें। एक दिन ऐसा आना चाहिये कि वेदों को स्कूलों में पढ़ाया जाये।
जय हिन्द
वन्दे मातरम
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वेदों में सबसे पुराना है ऋग्वेद है। क्या आप जानते हैं कि ऋग्वेद में सूर्य की प्रकाश की गति कितनी बताई हुई है? 2202 योजन प्रति आधा निमेष।
1 योजन = 9 मील और 16/75 सेकंड होता है एक निमेष।
इसका मतलब हुआ 8/75 सेकंड में 2202 * 9 मील या कहें कि 1 सेकंड में 2202*9/8*75 मील।
ये उतना ही बैठेगा जितना आज हमें किताबों में बताया जाता है। यानि 1,86,000 मील प्रति से. प्रकाश की गति नापने के लिये आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से तैयार यंत्रों की सहायता ली जाती है। उसी गति को हमारे ऋषियों ने उस समय के वैज्ञानिक आधार से निकाला था। कैसे किया ये तो रहस्य है। लेकिन इतना तय है कि उस काल का विज्ञान हमारे आज के समय से कहीं ज्यादा आगे था। जिस ईश्वर की खोज आज हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं उसी ईश्वर को ऋषियों ने योग व ज्ञान के आधार पर जान लिया था।
आप को जहाँ से भी इस तरह की वैदिक जानकारी पता चले कृपया अवश्य बाँटें। एक दिन ऐसा आना चाहिये कि वेदों को स्कूलों में पढ़ाया जाये।
जय हिन्द
वन्दे मातरम