Thursday, December 1, 2011

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार जीना इसी का नाम है Film Anari 1959, Singer Mukesh

राजकपूर की फ़िल्म अनाड़ी आई थी 1959 में। आज भूले बिसरे गीत में शामिल हैं इसी फ़िल्म के गीत। राजकपूर के अधिकतर गाने मुकेश ने गाये हैं और उनकी आवाज़ के कहने ही क्या...

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार 


इस गाने को यूट्यूब पर सर्च करने पर आपको सैकड़ों ऐसे गाने भी मिल जायेंगे जो किसी न किसी सम्गीत प्रेमी ने राज कपूर व मुकेश की याद में स्वयं गाये हैं... उन्हें श्रद्धांजलि दी है..यही इसके बोल, आवाज़ का कमाल है...
ब्लॉगर में कोई "बग" है जिसके कारण इस गाने को सर्च करने पर भी "असली" गाना नहीं दिखा रहा है अत:  लिंक पर आपको स्वयं जाना होगा..


असली गाना इस लिंक पर 
http://www.youtube.com/watch?v=tKpfIAXnPr0


किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार 
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

माना  अपनी  जेब  से  फ़कीर  हैं
फिर  भी  यारों  दिल  के  हम  अमीर  हैं
माना  अपनी  जेब  से   फ़कीर  हैं
फिर  भी  यारों  दिल  के  हम  अमीर  हैं

मिटे  जो  प्यार  के  लिए  वो  ज़िन्दगी 
चले  बहार  के  लिए  वो  ज़िन्दगी
किसी  को  हो  न  हो  हमें  तो  ऐतबार
जीना  इसी  का  नाम  है

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है

रिश्ता  दिल  से  दिल  के  ऐतबार  का 
जिंदा  है  हमी  से  नाम  प्यार  का 
रिश्ता  दिल  से  दिल  के  ऐतबार  का 
जिंदा  है  हमी  से  नाम  प्यार  का 


कि मरके  भी  किसी  को  याद  आयेंगे 
किसी  के  आंसुओ  में  मुस्कुरायेंगे 
कहेगा  फूल  हर  कली  से  बार  बार 
जीना  इसी  का  नाम  है 

किसी  की  मुस्कुराहटों  पे  हो  निसार
किसी  का  दर्द  मिल  सके  तो  ले  उधार
किसी  के  वास्ते  हो  तेरे  दिल  में  प्यार
जीना  इसी  का  नाम  है


सब  कुछ  सीखा  हमने , न  सीखी  होशियारी 

सब  कुछ  सीखा  हमने , न  सीखी  होशियारी
सच  है  दुनियावालों , की  हम  हैं  अनाड़ी

दुनिया  ने  कितना  समझाया
कौन  है  अपना , कौन  पराया
फिर  भी  दिल  की  चोट  छुपा  कर
हमने  आपका  दिल  बहलाया
खुद  पे  मर  मिटने  की , ये  जिद  थी  हमारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

असली  नकली  चेहरे  देखे
दिल  पे  सौ  सौ  पहरे  देखे
मेरे  दुखते  दिल  से  पूछो
क्या  क्या  ख्वाब  सुन्हेरे  देखे
टूटा  जिस  तारे  पे  नज़र  थी  हमारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

दिल  का  चमन  उजड़ते  देखा
प्यार  का  रंग उतरते देखा
हमने  हर  जीने वाले  को
धन दौलत  पे  मरते देखा
दिल  पे  मरने वाले मरेंगे भिखारी  (2)
सच  है  दुनियावालों  की  हम  हैं  अनाड़ी

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जय हिन्द
वन्देमातरम

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