बात होगी विजयनगर की। बात है हम्पी की।
उत्तरी कर्नाटक के बेल्लारी जिले में स्थित एक गाँव है जिसका नाम है हम्पी। विजयनगर साम्राज्य के अवशेषों के बीच में स्थित है हम्पी। विजयनगर साम्राज्य के समय से ही यह इलाका धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा है। यहाँ पर है विरुपक्ष मंदिर और कईं स्मारक। हम्पी के इसी मंदिर और अवशेषों के लिये यूनेस्को ने इसे अपनी पुरातत्व विरासत में शामिल किया है। जुलाई 2011 में जिला प्रशासन ने इस गाँव व मुख्य सड़क को तुड़वा दिया है।
हम्पी का नाम पड़ा है तंगभद्रा नदी के नाम पर। दरअसल तंगभद्रा का प्राचीन नाम था पम्पा। और पम्पा से कन्नड़ में आया हम्पे और फिर बना हम्पी। कईं वर्षों तक इसे विरुपक्षपुरा के नाम से भी जाना जाता रहा है।
रामायण में हम्पी का जिक्र किष्किंधा के तौर पर होता है। जहाँ वानर राज बालि व सुग्रीव का राज्य माना गया। विजयनगर के महत्त्वपूर्ण इलाके के लिये हम्पी जाना जाता है। यह साम्राज्य 1336 से 1565 तक अस्तित्व में रहा। यह दक्षिण भारत का अंतिम हिन्दू साम्राज्य था। तालिकोट के युद्ध में बीजापुर, गोलकोंडा व अहमदनगर के मुस्लिम राज्यों ने विजयनगर को हराया।
हम्पी अपने वास्तुकला के लिये जाना जाता है। इस पूरे क्षेत्र में बड़े बड़े पत्थर हैं जिनसे हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनी हुई हैं। भारत के पुरातत्व विभाग को इस क्षेत्र से मंदिर व प्राचीन अवशेष मिले हैं।
बैंग्लोर से 353 किमी दूर तंगभद्रा नदी के किनारे बसा है हम्पी गाँव। यहाँ पर लोगों की खेती व विरुपक्ष मंदिर से आय होती है। कर्नाटक सरकार प्रति वर्ष नवम्बर माह विजयनगर उत्सव मनाती है। चूँकि इस क्षेत्र में भारी तादाद में खनिज पदार्थ पाये जाते हैं इसलिये कईं वर्षों से यहाँ खनन चल रहा है। और "बेल्लारी बँधु" आंध्र व कर्नाटक सरकारों से मिलीभगत कर "अवैध खनन" कर रहे हैं। विश्व की विरासत में से एक हम्पी और तंगभद्रा नदी पर बना बाँध दोनों ही सरकारी उपेक्षा झेल रहा है।
हम्पी में हिन्दू मंदिर बहुत हैं। विरुपक्ष मंदिर, हज़ारा राम मंदिर, कृष्णा मंदिर व विट्ठल मंदिर इनमें प्रमुख हैं।
न जाने क्यों कब तक हम्पी जैसे अनेकानेक किले, मंदिर व अन्य धरोहरें सरकारी उपेक्षा की भेंट चढ़ जायेंगे। रही सही कसर हम पूरी कर देते हैं। कभी किलों में थूक कर तो कभी चट्टानों पर "आई लव यू" की घोषणा कर।
हम्पी के चित्र:
विरूपक्ष मंदिर |
360 डिग्री तक फ़ैला हम्पी का विहंगम दृश्य |
विट्ठल मंदिर |
हम्पी के मंदिर |
भारत में अनेक पर्यटन स्थल हैं, इस श्रृंख्ला का एकमात्र मक़सद उन स्थलों को सभी तक पहुँचाना ताकि पर्यटकों व सरकार तक इन स्थलॊं की पीड़ा पहुँचाई जा सके व पर्यटन भारतीय अर्थव्यवस्था का एक मज़बूत स्तम्भ बन सके।
अतुल्य भारत के अन्य लेखों के लिये यहाँ क्लिक करें।
स्रोत : विकीपीडिया
जय हिन्द
वन्देमातरम
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदापि गरीयसी
No comments:
Post a Comment