Saturday, December 10, 2011

हमसफ़र मेरे हमसफ़र...आज भूले बिसरे गीत का है खास अंक Evergreen Songs From Films Purnima, Humraaz, Yakeen & Mere Humsafar

आज दस दिसम्बर है.. आज से दो वर्ष पूर्व  जीवन में एक खास पड़ाव आया था... इसलिये इस दिन का मेरे लिये खास महत्त्व है..
आज के भूले बिसरे गीत के अंक में शामिल हैं मेरी पसंद के खास गीत..

ये गीत पुराने होते हुए भी नये से क्यों लगते हैं? ये गाने श्वेत श्याम युग के हैं... ये गाने दादा के जमाने हैं.. ये गीत सदाबहार हैं...

हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम
ज़िन्दगी का गीत हो तुम, गीत की आवाज़ हम
फ़िल्म : पूर्णिमा, कल्याणजी आनंद जी




तुम  अगर  साथ  देने  का  वादा  करो (फ़िल्म : हमराज़)

तुम  अगर  साथ  देने  का  वादा  करो
मैं  यूँ ही  मस्त  नगमे  लुटता  रहूँ
तुम  मुझे  देख  कर  मुस्कुराती  रहो
मैं तुम्हे  देख  कर  गीत  गाता  रहूँ

कितने  जलवे  फिजाओं  में  बिखरे  मगर
मैंने  अब  तक  किसी  को  पुकारा  नहीं
तुमको  देखा  तो  नज़रें  यह  कहने  लगीं
हमको  चेहरे  से  हटना  गवारा  नहीं
तुम  अगर  मेरी  नज़रों  के  आगे  रहो ,
मैं हर  एक  शय  से  नज़रें  चुराता  रहूँ

तुम  अगर  साथ  देने  का  वादा  करो

मैंने  ख्वाबों  में  बरसों  तराशा  जिसे
तुम  वही  संग-ए -मर्मर  की  तस्वीर  हो
तुम  न  समझो  तुम्हारा  मुक़द्दर  हूँ  मैं
मैं  समझता  हूँ  तुम  मेरी  तकदीर  हो
तुम  अगर  मुझको  अपना  समझने  लगो
मैं बहारों  की  महफ़िल  सजाता  रहूँ ,
तुम  अगर  साथ  देने  का  वादा  करो


गर तुम भुला न दोगे (फ़िल्म: यकीन 1969)








गर  तुम  भुला  न  दोगे
सपने  यह  सच  ही  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे 
गर  तुम  भुला  न  दोगे
सपने  यह  सच  ही  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे 

मालिक  ने  अपने  हाथों 
जिस  दम  हमे  बनाया
डाली  दिलों  में  धड़कन
और  दिल  से  दिल  मिलाया
फिर  प्यार  का  फ़रिश्ता
दुनिया  में  लेके  आया 

गर  तुम  भुला  न  दोगे
सपने  यह  सच  ही  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे 

जीवन  के  हर  सफ़र  में
हम  साथ  ही  रहेंगे 
दुनिया  के  हर  डगर  पर
हम  साथ  ही  चलेंगे
हम  साथ  ही  जियेंगे
हम  साथ  ही  मरेंगे 
गर  तुम  भुला  न  दोगे
सपने  यह  सच  ही  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे
हम  तुम  जुदा  न  होंगे 

किसी राह में किसी मोड़ पर
यूँ ही चल न देना तू छोड़ कर... मेरे हमसफ़र



और भी गीत शामिल हो सकते थे पर सभी को एक अंक में शामिल करना मुमकिन नहीं था...

जय हिन्द
वन्देमातरम

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