कदम दर कदम चलते ही चले,
फ़ासले दरमियाँ बढ़ते ही चले...
हम रुके उस मोड़ पर, सोचा के साथ ले चलें,
आप ही तो दूर से, सलाम कर चले.....
वक्त ने भी कैसी करवटें हैं खाईं,
जो कल तलक तो संग थे, बैर हो चले....
मालूम है कि रुख हवा का किस तरफ को है,
न जाने कयूँ हम तेरा इंतज़ार कर चले...
अपनी किस्मत थी जो कुछ पल का साथ रहा,
आप भी क्या खूब थे, सपने भी साथ ले चले...
कदम दर कदम चलते ही चले,
फ़ासले दरमियाँ बढ़ते ही चले...
3 comments:
sach bata de dost...kya chal raha hai teri life mein?!
who is that fello?
Are yarroo, apne bhai ki life mai kuch gadbad ho gayi hai.... koi ab inkoo satane laga hai.... Tapan sir ji kuch tho kahoo kya hai yeh sab......
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