छोटे बच्चे प्रणव गौड़ द्वारा दीपावली के त्यौहार पर रचित यह बाल-कविता।
प्रणव (कुश) कुलाची हंसराज स्कूल, दिल्ली में तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं और इन्हें शतरंज खेलने का शौक है। इनकी बाल-कवितायें बाल उद्यान पर प्रकाशित होती रही हैं।
दीपों का त्योहार दीवाली।
खुशियों का त्योहार दीवाली॥
वनवास पूरा कर आये श्रीराम।
अयोध्या के मन भाये श्रीराम।।
घर-घर सजे , सजे हैं आँगन।
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम।।
लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग।
लड्डुओं का लगता है भोग॥
पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई ।
देखो देखो दीपावली आई॥
अन्य कवितायें:
इंद्रधनुष- कविता और पेंटिंग
प्रणव गौड़ 'कुश' की होली
गणतंत्र दिवस पर चली छोटी कूची
किस्मस ट्री की पेंटिंग
चाचा नेहरू कक्षा 1 के एक छात्र की दृष्टि में
दिवाली पर एक बच्चे द्वारा बना चित्र
8 comments:
ppyari si kavita
happy deewali
"दीवाली आई है "
सुनो गांव पुर देश .दीवाली आई है |
राम अवधपुर अवधेश,अवध बधाई है ||
सरयू क लहरें धीर, धरनि चमकाई है |
करुणा सिंधु ! बुद्धि की जी बीरताई है||
चारहु दिसि श्रृंगार ,सखी गुण गए हैं |
क्रीड़ा- कल्लोल शारद वीणा बजाई हैं ||
It is time to celebrate diwali festival with CraftEra Diwali Sale Up to 50% off in all products. These all products are handmade and available in CraftEra with high quality.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 04 नवम्बर 2017 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
क़ाबिले तारीफ़ है
bahot badhiya...very nice
I want more poem
Excellent
Post a Comment