माँ तुम मिठाई घर में बनाओगी?
हाँ.. क्यों? अपने शहर में तो हम घर में ही बनाते हैं.. भूल गया.. तू जब छोटा था तो कैसे कईं कईं पकवान बनते देखता और आस-पड़ोस में सब के यहाँ बाँटने जाता था..
माँ...वो छोटा शहर था.. यह मेट्रो है मेट्रो.. यहाँ सारी सुख सुविधायें हैं.. तुम मिठाई का नाम बताओ.. हलवाई को बोल दूँगा, वो दे जायेगा। क्यों नाहक परेशान हो रही हो..
पर मैं परेशान नहीं हो रही.. ये तो हर साल की बात है..
सौ बातों की एक बात माँ.. मेरे पास इतना समय नहीं है। ऑफ़िस में काम का इतना बोझ रहता है कि सर दर्द से फ़ट जाता है ऊपर से तुम्हारा ये सामान।
तो बेटा मैं बहू को बोल देती हूँ...
वो भी तो कॉलेज पढ़ाने जाती है माँ.. क्या क्या करे वो बेचारी भी। तुम प्लीज़ बिना बात का क्लेश मत करो...
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अरे तुमने सभी दोस्तों को ईमेल कर दिया न?
क्या? दीवाली का कार्ड?
हाँ...
हाँ और फ़ेसबुक पर भी अपडेट कर दिया..
ये काम बिल्कुल सही हो गया.. बड़ी सुविधा है इसमें.. कोई चिकचिक नहीं..तकनीक का फ़ायदा तो है भई..
सही कह रहे हो...
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बेटा.. ज़रा अपने चाचा को फ़ोन लगाना घर पर..छह महीने हुए उनसे बात करे हुए..हाल-चाल जाने..
माँ.. उन्होंने कौन सा हमें पूछा है..?
पर बेटा.. दीवाली का मौका है.. एक बार बात करना तो बनता है..
सुबह से फ़ोन मिला रहा हूँ.. लग नहीं रहा है.. नेटवर्क प्रोब्लम लग रही है..रहने दो न माँ...
अच्छा चल.. शाम तक एक बार और मिला कर देख लियो..
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अरे सुनो...शाम आठ बजे तक तो पूजा खत्म हो जायेगी...
हाँ तो..
वो रा-वन मूवी आ रही है शाहरूख खान की...
ह्म्म्म्म.. समझ गया..
वो नया मल्टीप्लेक्स भी तो खुल गया है सब्जी मंडी जहाँ हटी है...
हाँ.. सही कहती हो.. हमारे इलाके में भी डिवलेप्मेट हो रही है..
पर माँ का क्या करें?
माँ कहाँ जायेगी... उन्हें पूजा करने देते हैं... शायद उन्हें उनके राम मिल जायें..
और हमें .. "रा-वन (रावण)..."
हा हा हा....
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सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद दु:ख भाग्भवेत..
दीपावली के पर्व पर आप सभी को ढेरों शुभकामनायें। आइये इस पर्व पर ये प्रण लें कि न केवल अपने घरों में अपितु अपनी आत्मा में भी प्रेम रूपी दीया जलायें।
हमारे देश में अनेकानेक सामाजिक बीमारियाँ हैं.. उन्हें एक एक कर के दूर करना होगा। आत्मा में लोकपाल बैठाना होगा। प्रेम, करूणा व दया की भावना जगानी होगी।
अपने घर, अपनी गली, अपना मोहल्ला, अपना शाहर, अपना राज्य और फिर अपना देश.. इन सभी को "आज" से बेहतर "कल" देना का प्रण करना होगा।
आपके व आपके परिवार के लिये यह दीपावली खुशियाँ लेकर आये। ईश्वर आने वाले वर्ष में आपको शक्ति प्रदान करे व मंगलमय हो, यही कामना करता हूँ।
जय हिन्द
वन्देमातरम
2 comments:
परिजनों व मित्रों सहित आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
achchi kahaani ..............achche sandesh ke saath .
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