सीमा सड़क संगठन (BRO) का लोगो |
7 मई 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी स्थापना की व इसके प्रथम चेयरमैन बने। आज इसके निदेशक, लेफ़्टिनेंट जनरल एम.सी बधानी हैं। यह संगठन उत्तर व उत्तर-पूर्वी राज्यों में तत्पर्ता से कार्य कर रहा है। इसे हिमालय की ठंड व राजस्थान की रेत और तपतपाती गर्मी से जूझना पड़ता है और पहाड़ी राज्यों के कठिन रास्तों से भी गुजरना होता है।
सीमा सड़क संगठन की वेबसाईट पर जारी ये संदेश पढ़िये:
"हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विषम क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण केवल कंक्रीट और सीमेन्ट से नहीं हुआ है बल्कि इसमे भारत के सीमा सड़क संगठन के वीर जवानों का खून भी शामिल है । कई वीरों ने कार्य करते हुए ड्यूटी के दौरान अपनी जान गवांई है । इन वीरो के लिए , जो सदा खतरों से खेलते हैं और मौत पर हंसते हैं, उनके लिए ड्यूटी हमेशा पहले रही है । ये सभी वीर भारत के विभिन्न भागों से आते हैं और अपने देश की सुरक्षा के लिए न केवल हमेशा तत्पर रहते हैं बल्कि पड़ोसियों को खुशहाल बनाने में भी भरपूर योगदान दिया है ।"
हम सभी जानते हैं कि दिल्ली व अन्य किसी भी बड़े शहर में हर व्यक्ति अपनी जान हथेली पर लेकर सुबह घर से बाहर कदम रखता है। अपने आप को पायलट समझते कुछ ड्राईवर सड़कों पर घूम रहे होते हैं जिनसे बच पाना एक वीरता पुरस्कार से कम नहीं होता। सड़क किनारे आपको इस तरह के वाक्य अमूमन मिल जायेंगे जो आपको आगाह करते रहेंगे कि आप गाड़ी धीमे चलायें।
अभी अपनी जम्मू यात्रा के दौरान कुछ ऐसे ही वाक्य BRO की तरफ़ से लिखे हुए देखे। कुछ अलग लगे इसलिये आप के साथ साझा करने चाहे:
- Keep Your Nerves On The Sharp Curves
- This is the Highway, Don't Think it a Runway
- Licence to Drive not to Fly
- इतनी जल्दी क्या है प्यारे, रुक कर देख प्रकृति के नजारे
- If Married, Divorce Speed
- रफ़्तार का शौक है तो पी.टी.ऊषा बनो!!!
॥जय जवान, जय हिन्द॥
"क्या आप जानते हैं" के छोटे से स्तम्भ में लम्बा-चौड़ा लेख नहीं अपितु आप के लिये होगी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी। चाहें इतिहास हो, विज्ञान, भूगोल, घर्म या अन्य कोई भी और विषय हो। यदि आप भी इन विषयों के बारे में कोई जानकारी बाँटना चाहें तो कमेंट अथवा ईमेल के जरिये जरूर सम्पर्क करें।
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