Friday, March 4, 2011

कर्नाटक क्रिकेट में कुम्बले और श्रीनाथ को राजनेताओं ने फ़ेंकी बाऊंसर और गुगली..Karnataka Cricket Ticket Distribution - Kumble Srinath Attacked By Politicians

पिछले कुछ समय से राजनेता किसी न किसी गलत कारणों से खबरों का हिस्सा बन रहे हैं। कॉमनवेल्थ, 2जी, एस-बैंड घोटाला तो कभी सीवीसी की नियुक्ति पर सवाल। कभी महाराष्ट्र से घोटालों की बू आती है तो कभी कर्नाटक। आंध्रप्रदेश में तेलंगाना जल कर धू-धू सुलग रहा है और राजनेता तसल्ली से रोटी सेंक रहे हैं। जगन मोहन रेड्डी बगावती तेवर अपनाये हुए हैं तो इसलिये कांग्रेस ने चिरंजीवी का हाथ थामा। "हाथ" तो करूणानिधि भी थाम रहे हैं। उन्हें शायद यह लग रहा है कि "हाथ" के सहारे वे आम आदमी का साथ पा लेंगे। केरल में लॉटरी घोटाले में कांग्रेस और लेफ़्ट गुत्त्थम-गुत्था हो रहे हैं। चुनाव आने वाले हैं तो हर तरफ़ सियासती रस्साकशी का माहौल है।

ऐसा बहुत कम होता है जब कांग्रेस और भाजपा जिन्हें देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टियाँ माना जाता है, दोनों के सुर एक हों। ऐसा भी कम ही दिखाई पड़ता है जब राजनेताओं ने खेल संस्थाओं में गद्दी न हड़प रखी हो। अरूण जेटली डीडीसीए में, नरेंद्र मोदी गुजरात क्रिकेट में काबिज हैं तो राजीव शुक्ला बरसों से क्रिकेट बोर्ड में "कमाई" कर रहे हैं। और अपने शरद पवार को कैसे कोई भुला सकता है। लेकिन हाल ही में कुछ अलग देखने को मिला जब कुम्बले और श्रीनाथ कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष नियुक्त हुए तो भला नेता कैसे चुप बैठेंगे। उन्हें तो काटो मानो खून नहीं।

पिछले दिनों क्रिकेट खेल प्रेमियों पर टिकटों की बिक्री के समय बेंग्लुरु में लाठीचार्ज हुआ। इस मौके पर भाजपा और कांग्रेस ने विधानसभा में हंगामा किया। जी हाँ दोनों पार्टियाँ एक साथ..सही पढ़ा आपने। दोनों पक्ष के कुछ नेताओं ने कुम्बले और श्रीनाथ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे शिष्ट खिलाड़ियों में इन दोनों की गिनती की जाते तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। दरअसल कर्नाटक में इस बार एक व्यक्ति को केवल एक पास दिया जाना था। भाजपा के एक विधायक ने कहा कि उन्हें विधायक के तौर पर केवल एक पास मिला है इसलिये वे अपने परिवार को साथ नहीं ले जा पा रहे। इन्हें कौन समझाये कि यदि आपको इतना ही शौक है तो आप टिकट क्यों नहीं खरीदते। ऊपर से उनका कहना यह भी है कि वे "आम आदमी" नहीं हैं। इन शब्दों से आपको इन नेताओं के आगे हम लोगों की औकात पता चल गई होगी। कॉंग्रेस विधायक कहते हैं कि कुम्बले और श्रीनाथ के रिश्तेदार उनसे पास के बदले में 5000 रूपये की माँग कर रहे हैं।

हाल ही में एक अखबार में छोटी सी कहानी पढ़ी थी। एक मंत्री जी थे जो ईमानदारी से काम करते थे। एक पैसा भी हेर-फ़ेर नहीं करते। एक दिन उनको कुछ हजार रूपये की जरूरत पड़ी। उनकी पत्नी ने कहा कि पार्टी फ़ंड से रूपये उधार ले लो और तीन दिन में लौटा देना। उन्होंने कहा कि पहले तुम ये लिख कर दे दो कि इन तीन दिनों में मुझे मृत्यु नहीं आयेगी उस सूरत में मैं उधार ले लूँगा। आज के राजनेता ऐसे नहीं हैं। शायद किसी की कलम से गलत कहानी लिखी गई।

खैर, आप ही बतायें कुर्सी के लालची ये सियासी दल इन दोनों खिलाड़ियों को कैसे जीने देंगे?

1 comment:

Sachin Keswani said...

kumble aur srinath sarahana ke yogya hain..woh en rajnetaon se bhdine ki koshish kar rahe hain ..aur sports administration mein sposrts ke hi ex-khilaadi hon to behtar hai..you are right..rajneta jeene nahin denge ...aaram se...agar people should support kumble and srinath a lot...we need honest ppl ..