आँकड़ों से एक बात स्पष्ट रूप से उभरती है कि हम यदि चाहें तो हमारे देश में इतने पर्यटन स्थल हैं कि अरबों खरबों की कमाई हो सकती है व रोजगार को बढ़ावा मिल सकता है। इस देश में विदेशियों के साथ दुर्व्यवहार होता है फिर भी इनकी संख्या में कमी नहीं आई है। इसके पीछे कारण है हमारे देश का गौरवशाली इतिहास, ऐतिहासिक किले व स्मारकें इत्यादि। यदि हम ऐतिहासिक स्थलों को सम्भाल नहीं पाये तो इनकी संख्या जरूर घटेगी। आज से करीबन चार वर्ष पूर्व धूप-छाँव पर आमेर के किले के बारे में लिखा था। उस किले की दशा देख कर यही लगा कि वो अपनी अंतिम साँसें ले रहा हो।
भारत में इतने पर्यटन स्थल हैं, इतनी खूबसूरत स्थान व ऐतिहासिक स्थल हैं कि हमें स्वयं भी नहीं पता। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात-राजस्थान से पूर्वोत्तर की सुंदरता अतुल्य है। शायद इसलिये भारत-सरकार भी "अतुल्य भारत" का प्रचार कर रही है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली व उत्तर-प्रदेश में सबसे अधिक विदेशी आते हैं वहीं देशी पर्यटकों के लिये आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु पसंदीदी राज्य हैं।
कुछ और आँकड़े आप तक पहुँचाना चाहूँगा। ताजमहल को देखने के लिये 30 लाख पर्यटक हर साल आते हैं। तमिलनाडु में हैं 34000 मंदिर।आने वाले अंकों में धूप-छाँव पर आप जान सकेंगे राज्यवार पर्यटक स्थल। प्रत्येक राज्य में कौन सी जगह हैं जिन्हें आप देखने के लिये जा सकते हैं। आप काज़ीरंगा अभयारण्य, बौद्धगया का महाबोद्धी मंदिर, हम्पी के स्मारक व अजंता-एलोरा समेत अनेको अनेक स्मारक व स्थलों के बारे में जानेंगे।
दिल्ली का लाल किला अब सफ़ेद रंग में रंगा जा रहा है। पुरातत्व विभाग कहता है कि लाल किला का रंग शुरु से लाल नहीं रहा इसलिये ऐसा किया जा रहा है।
दिल्ली का लाल किला |
अगले अंक में हम जम्मू-कश्मीर से अपनी यात्रा शुरु करेंगे। आपको ये प्रयास कैसा लगा कृपया अवश्य बतायें।
।जय हिन्द।
।वन्देमातरम।
1 comment:
यहाँ घुमिये: शीतल शिमला नैनीताल,
आबू ऊटी कोडइकोनाल ।
कुल्लू मनाली महामसूरी,
गुलश्री डार्लिंग फिरे कसौली॥
शिमला, नैनीताल,आबू, ऊटी, कोडैकोणाल, कुल्लू, मनाली, महाबलेश्वर, मसूरी, गुलमर्ग,श्रीनगर, दार्जिलिंग, कसौली From Memory Book " भूलना भूल जाओगे"
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