Sunday, May 8, 2011

दोरजी खांडू का निधन और पूर्वोत्तर राज्यों से होते सौतेले व्यवहार के बीच प्रधानमंत्री के नाम पत्र Death Of Dorji Khandu, North-East States Ignored By Media - Letter to Prime Minister

माननीय मनमोहन जी,

सर्वप्रथम आपकी सरकार को बधाई देता हूँ कि आप की यूपीए सरकार को तीन बरस होने वाले है। परन्तु शायद आप भी इस बात से सहमत होंगे कि इस बार प्रधानमंत्री की कुर्सी आपके लिये काँटों भरा ताज रहा है। आज मेरे पत्र लिखने का खास कारण है।

दोरजी खांडू को आप जानते ही होंगे। वे सेना में कार्यरत रहे और 71 के युद्ध के पश्चात उन्हें गोल्ड मैडल से भी नवाज़ा गया। वे बाद में चार बार जनता द्वारा चुने भी गये। बाद में अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए हैलीकॉप्टर  दुर्घटना में उनकी असमय मृत्यु हो गई। पर ये मृत्यु कईं प्रश्न खड़े कर गई है। पिछले दो वर्षों में कईं बार हैलीकॉप्टर दुर्घटनायें हुई हैं। जिनमें से दो बार तो इस देश के दो मुख्यमंत्री मारे गये हैं। गोल्ड मैडल विजेता सैनिक अधिकारी की इस तरह हुई हत्या होगी यह उन्होंने भी नहीं सोचा होगा। हम पूरी दुनिया पर राज करने की बात करते आये हैं। इसरो एक के बाद एक सैटेलाईट अंतरिक्ष में भेज रहा है। वैज्ञानिक और सेना दोनों के पास ही यदि आधुनिक तकनीकें हैं तो मुख्यमंत्री को ढूँढने में चार दिन से ऊपर का समय कैसे लग जाता है? कहीं न कहीं तो गुंजाईश अवश्य है।

दोरजी खांडू की मृत्यु होती है और आपके मंत्री उनकी मृत्यु की पुष्टि होने से पहले ही दु:ख संदेश मीडिया को दे देते हैं। पुष्टि से पहले!!! यी हैं आपकी सरकार के विदेश मंत्री श्री एस.एम. कृष्णा जी। आपका ध्यान मैं मीडिया की ओर भी ले जाना चाहता हूँ। हमारी मीडिया के द्वारा जिस तरह से उत्तर-पूर्व क्षेत्र को नजर अंदाज़ किया जा रहा है वो आप तक पहुँचाना जरूरी महसूस कर रहा हूँ। श्री खांडू की मौत हुई पर हमारा मीडिया ओसामा और ओबामा के नामों को गुनगुना रहा था। ओबामा उनके लिये भगवान बना हुआ है। इतनी बार तो शायद आपका नाम भी न लिया हो। सुबह अखबार टटोले तो पहले पन्ने पर कही पर बड़ी तो कहीं पर छोटी खबर दिखाई दी। खैर इन सब के बीच एक समाचार पत्र ऐसा भी रहा जिसने श्री खांडू के निधन का कोई समाचार नहीं छापा!!! कम से कम पहले पन्ने पर तो नहीं। 

दूसरी ओर हमारा नम्बर एक दुश्मन चीन उत्तर-पूर्व राज्यों में अपनी पैठ जमाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। परन्तु आपकी सरकार उसे भी नजर-अंदाज़ कर रही है। किस बात का खौफ़ है आपको? क्या आप चीन से डरते हैं? अमरीका द्वारा ओसामा को मारे जाने के पश्चात आपकी सेना के अधिकारी छाती ठोंक कर कह रहे थे कि हम भी ऐसा कर सकते हैं। पर क्या आपकी सरकार में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसने की हिम्मत है? जो चीन ओसामा के पाकिस्तान में मारे जाने के बाद भी पाकिस्तान का साथ दे रहा है उस चीन को माकूल जवाब देने में क्या आपकी सरकार समर्थ है?

आपके पास जब टू-जी आदि घोटालों से समय मिल जाये तो कृपया उत्तर-पूर्व के लोगों पर भी नजर डालियेगा। कहीं ऐसा न हो कि आने वाला वक्त भारत को बाईस राज्यों से जाने।


आज मातृ दिवस है। भारत माता के लिये आपसे निवेदन है कि हर राज्य को इस एक देश की माला में पिरोये रखें। आप सभी पाठकों से निवेदन है कि हम लोग ही पूर्वोत्तर के लोगों को पराया समझते हैं तो सरकार से कैसे हम कुछ आशा कैसे कर सकते हैं?
"जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदापि गरीयसी" : जननी और मातृभूमि दोनों स्वर्ग से भी महान हैं। 


| जय हिन्द |
| वन्दे मातरम |

1 comment:

Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said...

यह सच है कि बहुत से नेताओं को भारत माता के बारे में एक ओरिएंटेशन कोर्स कराये जाने की ज़रूरत है। सोच रहा हूँ कि वहशी दरिन्दे ओसामा की मौत पर ब्यानबाज़ी करने वाले विग्दिजय सिंह को दोर्जी खांडू की दुर्घटना के बारे में कुछ पता था कि नहीं।