खैर आप सोच रहे होंगे कि आज तम्बाकू की बातें क्यों? दरअसल कुछ दिन पहले एक सड़क से गुजरते हुए मुझे एक बोर्ड दिखाई पड़ा। ये बोर्ड एक विद्यालय के बाहर की दीवार पर लगा हुआ था और उस पर लिखा हुआ था- Tobacco Free School. पढ़कर आश्चर्य हुआ। आप भी पढ़ें।
इसका आशय स्पष्ट है। बच्चों में सिगरेट व शराब की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। ये आदत या घर से पड़नी शुरु होती है या फिर स्कूलों से। पर हमारी सरकारों को इन सबसे कोई सरोकार नहीं है। शराब को अब पेट्रोल पम्पों, मॉल व बरिस्तां आदि जैसे खाने-पीने की "विदेशी" दुकानों पर बेचे जाने की तैयारी है। किसी भी स्कूल के बाहर आपको बच्चे सिगरेट पीते हुए दिख जायेंगे। ये जनता को सोचना है कि वो अपने बच्चे को सिगरेट पीते हुए देखना पसंद करेंगे अथवा नहीं। यदि नहीं तो पहले आपको स्वयं पहल करनी होगी। स्कूल में दाखिला दिलवाने से पहले उस स्कूल का "Tobacco Free School" सर्टिफ़िकेट अवश्य पूछ लें। और यदि हाँ तो ये देश का भार ऐसे "युवा" कँधों पर है जो नि:संदेह वक्त से पहले ही कमजोर पड़ने वाले हैं।
।जय हिन्द।
।वन्देमातरम।
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