प्राईवेट चैनल मनोरंजन को परोसते हैं इसलिये इसकी व्यावसायिकता को ध्यान में रखते हुए फ़िलहाल इन पर प्रसारित खबरों की अवधि दो से पाँच मिनट रखने का प्रस्ताव है। ये खबरें आकाशवाणी ही इन चैनलों को देगा और चैनल ज्यों की त्यों अपने एफ़.एम पर सुनायेंगे। अगले दो से तीन महीने में उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे देगी। देखना दिलचस्प होगा कि श्रोतागण इस कदम को किस तरह से लेते हैं क्योंकि आकाशवाणी पर जैसे ही खबरें आती हैं अधिकतर "शहरी" लोग चैनल बदल लेते हैं। सरकार का ये कदम कितना "हिट" होता है यह तो वक्त ही बतायेगा।
Friday, April 15, 2011
अब प्राईवेट एफ़.एम पर भी सुना सकेंगे खबरें । खबरें फ़टाफ़ट-एक माइक्रोपोस्ट News Bulletin On Private FM Channels
मार्च के अंतिम सप्ताह में सरकार ने ये घोषणा करी है कि प्राईवेट एफ़. एम. चैनल भी समाचार सुना सकेंगे। गौरतलब है कि अब तक प्राईवेट चैनलों पर समाचार सुनाये जाने पर रोक लगी हुई थी। चैनल अपनी सुविधा से अलग अलग तरह खबरें हम लोगों तक पहुँचाते थे। आप में से बहुत लोगों ने ऑल इंडिया रेडियो पर खबरें जरूर सुनी होंगी। इन खबरों की अवधि आमतौर पर पाँच मिनट से आधे घंटे तक होती है। पाँच मिनट वाली खबरें हर घंटे प्रसारित होती हैं व आधे घंटे की दिन दो से तीन बार।
प्राईवेट चैनल मनोरंजन को परोसते हैं इसलिये इसकी व्यावसायिकता को ध्यान में रखते हुए फ़िलहाल इन पर प्रसारित खबरों की अवधि दो से पाँच मिनट रखने का प्रस्ताव है। ये खबरें आकाशवाणी ही इन चैनलों को देगा और चैनल ज्यों की त्यों अपने एफ़.एम पर सुनायेंगे। अगले दो से तीन महीने में उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे देगी। देखना दिलचस्प होगा कि श्रोतागण इस कदम को किस तरह से लेते हैं क्योंकि आकाशवाणी पर जैसे ही खबरें आती हैं अधिकतर "शहरी" लोग चैनल बदल लेते हैं। सरकार का ये कदम कितना "हिट" होता है यह तो वक्त ही बतायेगा।
प्राईवेट चैनल मनोरंजन को परोसते हैं इसलिये इसकी व्यावसायिकता को ध्यान में रखते हुए फ़िलहाल इन पर प्रसारित खबरों की अवधि दो से पाँच मिनट रखने का प्रस्ताव है। ये खबरें आकाशवाणी ही इन चैनलों को देगा और चैनल ज्यों की त्यों अपने एफ़.एम पर सुनायेंगे। अगले दो से तीन महीने में उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे देगी। देखना दिलचस्प होगा कि श्रोतागण इस कदम को किस तरह से लेते हैं क्योंकि आकाशवाणी पर जैसे ही खबरें आती हैं अधिकतर "शहरी" लोग चैनल बदल लेते हैं। सरकार का ये कदम कितना "हिट" होता है यह तो वक्त ही बतायेगा।
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