Sunday, July 17, 2011

हिन्दुस्तान की राजनीति का साप्ताहिक सार Weekly Update Of Indian Politics

भ्रष्टाचार पर
चहुँ ओर से घिरी सरकार ने
किया मंत्रिमंडल फ़ेरबदल-
किसी की कुर्सी गई,
किसी को मिला सत्कार
जमकर हुई
राजनैतिक उथलपुथल।
पर इससे नहीं बदलेगा
सरकार का भ्रष्ट चेहरा
शतरंज खेलती मैडम हैं
मनमोहन तो हैं बस एक मोहरा ।

कईं बरसों से
रेल मंत्रालय
चढ़ता आया है
गठबंधन की बलि,
कभी बिहार की
शान होती थी रेल,
अब बंगाल की ओर चली।

चाहें बिहार चाहें बंगाल
रेल रही हमेशा कंगाल
परियोजनायें-
पटरी से उतरी पड़ी हैं
हाशिये पर है
सुरक्षा का ख्याल।

मुम्बई एक मर्तबा फिर दहली
सरकार ने हुँकार भरी-
आतंकवाद का मुकाबला
डटकर करेंगे
आतंकवादियों को
जल्द ही पकड़ेंगे...
पर प्रधानमंत्री जी...
पकड़कर आप करेंगे क्या?
जिनके अपने चले गये
उन्हें वापस ला सकेंगे क्या?

आपके नेता कहते हैं-
हम पाकिस्तान से बेहतर हैं!!!
तो अब ये दिन आ गये हैं..
पाकिस्तान से मुकाबला करेंगे क्या?
राहुल बाबा का अंदाज़ विलग
हमले रोके नहीं जा सकते।
हमले रोके नहीं जा सकते?
पाकिस्तान, बांग्लादेश
टोके नहीं जा सकते?

अफ़्ज़ल कसाब को मत मारो
डेढ़ सौ लोगों के कातिलों को
मत चढ़ाओ तुम फ़ाँसी पर...
पर इतना हम पर उपकार करो...
जैसे उन्हें सुरक्षित रखा है..
हमारी सुरक्षा का भी
वैसा पुख़्ता इंतज़ाम करो...
वैसा पुख्ता इंतज़ाम करो....

कभी रेल होगी
कभी आतंकवादी हमलों से होगा
यमराज का
हम पर वार-
परोक्ष रूप से हत्या का 
कोई गुनाह नहीं होता यार-
हिन्दुस्तान की राजनीति का 
यही है साप्ताहिक सार,
यही है साप्ताहिक सार।


जय हिन्द
वन्देमातरम

No comments: