पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब में कबीर के पाँच सौ से ऊपर दोहे हैं। कबीर के दोहों की खासियत यह है कि इनके शब्द सरल होते हैं। हमारे आसपास की वस्तुओं व घटनाओं को ध्यान में रखकर वे दोहे लिखा करते थे। शब्द सरल हैं पर अर्थ जटिल परन्तु इतने शुद्ध कि अगर हम सब अपने जीवन में उन्हें उतार लें तो ये धरती स्वर्ग बन जाये।
उनके जीवन के बारे में अनेक कथायें हैं। कहते हैं कि एक बार संत रामानन्द गंगा के किनारे स्नान करने हेतु गये थे। सीढियाँ उतर ही रहे थे कि तभी उनका ध्यान कबीर पर गया और कहते हैं कि सही गुरू मिले तो जीवन साकार हो जाता है। विवेकानन्द को रामकृष्ण परमहंस मिले थे कबीर को रामानन्द मिले।
वर्ष 2012 का आगमन हो चुका है। पिछले माह दिसम्बर से वैदिक गणित की श्रृंख्ला आरम्भ करी थी। हमारी संस्कृति, धर्म व जीवन के मूल्यों का ज्ञान हमें जीवन जीना व आध्यात्म की सीख देता है। आने वाले कुछ दिनों में सूक्तियाँ एवं अनमोल वचन भी आप धूप-छाँव पर पढ़ सकेंगे।
चूँकि मैं भी कबीर के दोहों से अनजान हूँ व हिन्दी में थोड़ा कच्चा हूँ इसलिये यदि किसी को इन दोहों व इनके शब्दार्थ/भावार्थ में त्रुटि दिखाई दे तो कृपया अवश्य बतायें।
आज का दोहा है:
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोये।
जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोये॥
कबीर कहते हैं कि क्यों व्यर्थ में हम किसी दूसरे में दोष ढूँढने लगते हैं? वे कहते हैं कि हमें अपने अंदर झाँक कर देखना चाहिये। यदि कहीं कोई कमी है तो वो "मुझमें" है। मैं किसी दूसरे व्यक्ति में गलतियाँ क्यों ढूँढू? यदि मैं किसी के साथ निभा नहीं पा रहा हूँ तो बदलाव मुझे करना है।
हाँ मैं यह जानता हूँ कि हर व्यक्ति चाहें वो हमेशा अच्छा लगे या बुरा, उसका प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर पड़ता है। जिस व्यक्ति की आपसे नहीं निभती वही आपका व्यवहार की परीक्षा होती है कि आप उससे किस प्रकार बर्ताव करते हैं। किन्तु सब आपके हाथ में ही है। आपको अपने जीवन को किस ओर ले कर जाना यह कोई दूसरा निर्धारित नहीं करता। गाड़ी आपकी है, ड्राईवर आप हैं, मंजिल आपने चुननी हैं, रास्ता आपने बनाना है।
कोई भी व्यक्ति अच्छा या बुरा नहीं होता। बस मतभेद होते हैं।
अंग्रेजी में एक कहावत है : "Blaming others is excusing ourselves.".
आपको यह प्रयास कैसा लगा टिप्पणी अवश्य करें। दोहे तुलसी के हों, अथवा कबीर के, अथवा मनु-स्मृति या चाणक्य एवं विदुर नीति - धार्मिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान सभी में है और इस ज्ञान के बिना जीवन अधूरा है।
जय हिन्द
वन्देमातरम
5 comments:
Dead truth of the Human phenomenon ,
# But the most interesting fact
" Nobody accept open hearted "
बोहत बढिया...
I lik it very well
Very well explaine. बहुत अच्छे से समझाया
Nice bro
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