पर क्या आपको नहीं लगता कि विश्व को हम यह समझाने में नाकाम रहे हैं कि पाकिस्तान-अधिकृक कश्मीर "हमारा" है। पर बात यह भी कि क्या सचमुच वो हमारा है या फिर हम केवल नक्शे में उस हिस्से को अपना समझकर निहारते रहते हैं। कश्मीर के इतिहास में मैं नहीं जाना चाहता। पर वर्तमान में पीओके में हमारा राज नहीं है, यह एक कड़वी सच्चाई है। जो आज़ादी से पहले भारत का हिस्सा था वहाँ हमारी विधानसभा, लोकसभा की कोई सीट नहीं है यह भी सच है। आज की तारीख में वही पाकिस्तान और भारत का बॉर्डर है। पीओके में लश्कर आदि आतंकवादी संगठनों के कैम्प लगे हुए हैं जिन्हें हम छू भी नहीं सकते क्योंकि वहाँ पाकिस्तान का कब्जा है।
यदि ऊपर की सभी बातें सही हैं और वर्तमान की सच्चाई है तो फिर हम किस हक़ से पीओके को अपना कहते हैं? क्या ऐसा नहीं हो सकता कि पाकिस्तान पीओके रखे और हम अपना कश्मीर। इस मसले का हल आखिर है क्या? कभी वार्त्ता, कभी युद्ध तो कभी पीठ पीछे आतंकवादी हमला। सत्य कटु होता है और सत्य यही है कि हम अपना पड़ोसी तो नहीं बदल सकते। वह ढोंग करता रहेगा और हम सहते रहेंगे।
हर बार कोई न कोई साईट नक्शा "गलत" बनाती है तो कभी कोई संगठन या पुस्तक और फिर उसके पश्चात हम हटवाते रहते हैं और यह भी चाहते हैं कि साईट/संगठन या प्रकाशक हमसे माफ़ी माँगे। आखिर वे नक्शा गलत बनाते ही क्यों हैं? दरअसल विश्व वही स्थिति देख रहा है जो वर्तमान की है। या तो हम इतनी हिम्मत कर सकें कि छाती ठोंक कर बोलें पीओके हमारा है और लशकर के कैम्पों को नष्ट कर दें। पाकिस्तान की पूरे विश्व में पोल खोलें। चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ़ बोलने का साहस कर सकें। पर यदि यह सब नहीं कर सकते तो शांति पूर्वक पीओके पाकिस्तान को दे देना चाहिये। अरूणाचल व सिक्किम में भी चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है और हम हाथ पर हाथ धरे बैंठे हैं।
कुछ वर्ष पश्चात फिर हम चीन और पाकिस्तान से वार्त्ता कर रहे होंगे। कभी अरूणाचल के नक्शे की तो कभी सिक्किम की तो कभी राजस्थान व कश्मीर बॉर्डर की।
चलते चलते यह नक्शा भी देख जाईये.. यह www.blogger.com द्वारा प्रकाशित नक्शा है जिसमें पीओके को पाकिस्तान में दिखाया गया।
यह गौरतलब है कि ब्लॉगर.कॉम गूगल की वेबसाईट है। किस किस को बोलेगी सरकार? जब अपनी ही विदेश नीति व इच्छा शक्ति में खोट है तो विदेशियों को कहने -सुनाने का हमारा कोई अधिकार नहीं बनता। मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से सरकार को अपील करना चाहूँगा कि वह गूगल से कहलवाकर इस नक्शे को भी बदलवायें।
जय हिन्द
वन्देमातरम
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