वन्देमातरम गीत के इतिहास को जानने के लिये।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वन्देमातरम( आनन्दमठ)
स्वतंत्रता हमें 15 अगस्त 1947 को मिली। जिसकी खुशी हम आज तक मनाते हैं। लेकिन कभी कभार ही हम ये सोचते हैं कि हमने इस देश को क्या दिया। बस यही कहते रहते हैं कि इस देश में कुछ नहीं रखा..इस देश ने हमें क्या दिया? स्वतंत्रता दिवस के विशेष पर्व पर धूप-छाँव लेकर आया है देश भक्ति से ओत-प्रोत दस गानों की कड़ियाँ। ग्यारह से पन्द्रह अगस्त तक हर रोज़ एक या दो राष्ट्रभक्ति का गीत।
शायद इन गीतों को सुनकर रक्त में उबाल आ जाये और देश को अपना जीवन समर्पित करने का जज़्बा आ जाये। कुछ "बड़ा" नहीं करना..नेता नहीं बनना.. यदि हम कूड़ा न फ़ैलायें..ट्रैफ़िक का पालन करें...सड़क पर लड़ाई न करें...झूठ न बोलें...किसी का बुरा न करें... तो भी देश का भला हो सकता है।
वन्देमातरम
जय हिन्द
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