Friday, November 25, 2011

ग़मों का दौर भी आये तो मुस्कुरा के जियो : फ़िल्म हमराज़ (1967) Film Humraaz Mahendra Kapoor, Sahir Ludhiyanvi

आज भूले-बिसरे गीत में फ़िल्म हमराज़ के सदाबहार गीत। १९६७ में आई इस फ़िल्म के निर्माता निर्देशक थे बी.आर.चोपड़ा व इसमें अभिनय किया था सुनील दत्त, राज कुमार, मुमताज़, सारिका, मदन पुरी,इफ़्तेखार,
बलराज साहनी व जीवन ने। फ़िल्म का संगीत था रवि का व इस के गाने लिखे थे उर्दू शायर साहिर लुधियानवी जी ने।
इस फ़िल्म में गीत गाये हैं महेंद्र कपूर जी ने। मोहम्मद रफ़ी व किशोर कुमार के बीच में महेंद्र कपूर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। आज की पीढ़ी रफ़ी, किशोर को तो जानती ही होगी पर पता नहीं क्यों मुझे
महेंद्र कपूर के गाये हुए गाने व उनकी आवाज़ बेहद पसंद है। इस फ़िल्म के सभी गीत इन्होंने ही गाये हैं।


न  मुँह  छुपा  के  जियो  और  न  सर  झुका  के  जियो  


न  मुँह  छुपा  के  जियो  और  न  सर  झुका  के  जियो
ग़मों  का  दौर  भी  आये  तो  मुस्कुरा  के  जियो
न  मुँह  छुपा  के  जियो  और  न  सर  झुका  के  जियो


घटा  में  छुपके  सितारे  फ़ना  नहीं  होते
अँधेरी  रात  में  दिए  जला  के  चलो
न  मुँह  छुपा  के  जियो  और  न  सर  झुका  के  जियो



ये  ज़िन्दगी  किसी  मंजिल  पे  रुक  नहीं  सकती
हर  इक  मक़ाम  पे  क़दम  बढ़ा  के  चलो
न  मुँह  छुपा  के  जियो  और  न  सर  झुका  के  जियो



नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...

हे ... नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...
ऐसे ही जग में, आती हैं सुबहें,
ऐसे ही शाम ढले...
हे ... नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...

शबनम के मोती, फूलों पे बिखरे,
दोनों की आस फले  ...
हे ... नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...

बलखाती बेलें, मस्ती में खेलें ,
पेड़ों  से  मिल  के  गले ...
हे ... नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...

नदिया  का  पानी , दरिया  से  मिल  के,
सागर  की  और  चले  ...
हे ... नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले...

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जय हिन्द
वन्देमातरम

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