Friday, November 18, 2011

एक सौ सोलह चाँद की रातें, एक तुम्हारे काँधे का तिल... मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा हैं... फ़िल्म इजाज़त के गीत - भाग २ Film Izaazat, Old Hindi Movies Songs

फ़िल्म- इजाज़त
गीतकार-गुलज़ार
गायिका-आशा भोंसले
संगीतकार-राहुल देव बर्मन

हिन्दी फ़िल्म "इजाज़त" सुबोध घोष की बंगाली फ़िल्म "जातुगृह" से प्रेरित है। यह उन गिनी चुनी फ़िल्मों में से एक है जिन्हें गुलज़ार ने निर्मित किया। फ़िल्म में मुख्य भूमिकायें नसीरूद्दीन शाह, रेखा व अनुराधा पटेल ने निभाई हैं।

मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा हैं

मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा हैं
सावन के कुछ भीगे दिन रखे हैं
और मेरे एक ख़त में लिपटी रात पडी हैं
वो रात बुझा दो, मेरा सामान लौटा दो

पतझड़ हैं कुछ, 
हैं ना ...
पतझड़ में कुछ पत्तों के गिरने की आहट
कानों में एक बार पहन के लौटाई थी
पतझड़ की वो शांख अभी तक काँप रही हैं
वो शांख गिरा दो, 
मेरा वो सामान लौटा दो...

एक अकेले छतरी  में जब आधे आधे भीग रहे थे
आधे सूखे आधे गिले, सुखा तो मैं ले आयी थी
गीला मन शायद, बिस्तर के पास पडा हो
वो भिजवा दो, 
मेरा वो सामान लौटा दो...

एक सौ सोलह चाँद की रातें, एक तुम्हारे काँधे का तिल
गीली मेहंदी की खुशबू, झूठमूठ के शिकवे कुछ
झूठमूठ के वादे भी, सब याद करा दो
सब भिजवा दो, 
मेरा वो सामन लौटा दो...

एक इजाजत दे दो बस
जब इस को दफ़नाऊँगी 
मैं भी वही सो जाऊँगी...

छोटी सी कहानी से

छोटी सी कहानी से, 
बारिशों की पानी से
सारी वादी भर गयी,

ना जाने क्यों, दिल भर गया,
ना जाने क्यों, आँख भर गयी

शाखों पे पत्ते थे,पत्तों पे बूंदे थी
बूंदो में पानी था,पानी में आंसू थे

दिल में गिल भी थे,पहले मिले भी थे
मिलके पराये थे, दो हमसाये थे


जय हिन्द
वन्दे मातरम

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