Sunday, November 6, 2011

भूपेंद्र हज़ारिका को भावभीनी श्रद्धांजलि.. गंगा बहती हो क्यूं?.. Bhupendra Hazarika Bharat Lost Voice Of East

यह वर्ष हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिये बेहद दुखदाई रहा है। क्रिकेट, बॉलीवुड व ग़ज़ल के बाद शास्त्रीय संगीत ने भी एक रत्न को खो दिया। बात कर रहा हूँ भूपेंद्र हज़ारिका की। पूर्वी भारत के असम में 1926 में जन्मे भूपेंद्र ने हिन्दी फ़िल्मों में संगीत दिया व गीत भी गाये। उनके योगदान को हम कभी नहीं भूल पायेंगे।
उन्होंने शनिवार पाँच सितम्बर को आखिरी साँस ली।

पद्म भूषण(2001)
दादा साहेब फ़ालके अवार्ड (1992)
असोम रत्न (2009)
संगीत नाटक अकादमी अवार्ड (2009)

भूपेंद्र हज़ारिका को भावभीनी श्रद्धांजलि।


दिल हूम हूम करे (रूदाली)



गंगा बहती हो क्यूँ


ये गीत आज मैंने पहली बार सुना है... फिर सोचा कि लानत है.. मैने ये पहली बार क्यों सुना...
विनती है एक बार अवश्य सुनें...




जय हिन्द
वन्देमातरम

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