Tuesday, November 22, 2011

क्या आप जानते हैं- भारत की सबसे बड़ी झीलें कौन सी हैं व विश्व का सबसे लम्बा रेलवे प्लेटफ़ार्म कहाँ पर है? Longest Railway Platform In The World, Largest Lakes Of India

क्या आप जानते हैं के इस अंक में आज हम जानेंगे भारत की सबसे बड़ी झीलों व भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे प्लेटफ़ार्म के बारे में।

कश्मीर की वूलर झील के बारे में हम पहले से ही जान चुके हैं। गौरतलब है कि यह झील एशिया की भी सबसे बड़ी झील है। 

चिल्का झील (पुरी, ओड़ीशा)


अन्य झीलों की बात करें तो जिक्र आता है ओड़ीशा की चिल्का झील का। यह झील खारे पानी की सबसे बड़ी झील है व बंगाल की खाड़ी में जा कर मिलती है। चिल्का झील पुरी, खुर्द व गंजम जिलों तक फ़ैली हुई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह झील बहुत सारे पशुओं व पेड़-पौधों के लिये जीवन दायिनी है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। सर्दियों में इस झील पर 160 से भी अधिक तरह के पक्षी अपना डेरा जमाते हैं। इस झील में कैस्पियन सागर, बैकल झील व अरल सागर से लेकर रूस, मंगोलिया व दक्षिण-पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय से पक्षी आते हैं। ये पक्षी 12000 कि.मी से भी अधिक का सफ़र तय कर चिल्का झील तक पहुँचते हैं। इस झील की लम्बाई 64 कि.मी है। जी हाँ आपने सही पढ़ा है....

सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) में स्थित गोविंद वल्लभ पंत सागर देश की सबसे बड़ी कृत्रिम रूप से तैयार की गई झील है। इसका नाम भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत जी के नाम से पड़ा।  वे 1950 से 1954 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। उत्तराखंड के बड़े राजनेताओं में से एक रहे। इस झील की गहराई 38 फ़ीट है।

कोल्लेरू (आंध्र प्रदेश)
साफ़ पानी की सबसे बड़ी झील कोल्लेरू झील है। आंध्रप्रदेश की यह झील कृष्णा व गोदावरी नदियों के संगम से बनी सबसे बड़ी झील है। बुडामेरू व तम्मिलेरू मौसमी नदियाँ भी इसी झील में आकर मिलती हैं।
245 वर्ग किमी तक फ़ैली यह झील आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कारण इंसान का लोभ। 42 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अब खेती के लिये लिया जा रहा है, जगह जगह झील ने सूखना शुरु कर दिया है। करीबन दो करोड़ पक्षियों का यह आशियाना धीरे धीरे उजड़ रहा है। यहाँ के पक्षियों की संख्या को देखते हुए वर्ष 1999 में इसे अभयारण्य घोषित किया गया।

खड़गपुर रेलवे स्टेशन (मिदनापुर-पश्चिम, पं. बंगाल)
आइये अब जानते हैं विश्व के सबसे बड़े रेलवे प्लेटफ़ार्म के बारे में। यह स्टेशन है पश्चिम बंगाल ( माफ़ कीजिये पश्चिम बंगा...पता नहीं ये नाम क्यों रखा है ममता दीदी ने.. बड़ी कठिनाई से बोला जाता है..) का खड़गपुर रेलवे स्टेशन। इस स्टेशन के प्लेटफ़ार्म की लम्बाई है 1.072 किमी। प्रारम्भ में यह प्लेटफ़ार्म 716 मीटर लम्बा था पर इसे पहले 833 मी और फिर बाद में अभी के जितना लम्बा किया गया। खड़गपुर का प्लेटफ़ार्म विश्व में सबसे लम्बा है। यह शहर मिदनापुर पश्चिम जिले में स्थित है। हम सभी जानते हैं कि खड़गपुर आईआईटी के लिये जाना जाता है। भारत की सबसे बड़ी रेलवे वर्कशॉप भी यहीं पर है।

हमारे भारत में गर्व करने के लिये न जाने कितने ही स्थान, झील, नदी, पहाड़ आदि हैं। प्राकृतिक ही नहीं अपितु किले, महल मीनार आदि अनगिनत स्थान हैं किन्तु फिर भी हम इन पर गर्व नहीं करते। भारत को भूल विदेशों की ओर देखते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह हो सकता है कि हम अपने देश को, स्वदेश को पहचानते ही नहीं। इसीलिये ऐसे लेख हमारी जानकारी बढ़ाते हैं। मैं स्वयं भी इन सबसे अनजान रहा हूँ। मुझे भारत और भारतीय पर गर्व है।

आने वाले लेखों में वो बातें जो विदेशी हमारे बारे में कहते हैं, भारत को मानते हैं। अध्यात्म व गौरवशाली इतिहास होंगे धूप-छाँव के मुख्य बिंदु।

जय हिन्द
वन्देमातरम


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